Minister Bungalow : अलसुबह किसानों ने घेरा कृषि मंत्री का बंगला…?
सरपंच और उपसरपंच ने अपने ही खेतों से किया बेदखल, खड़ी फसल को मवेशियों से चरा दिया
रायपुर/नवप्रदेश। Minister Bungalow : अभनपुर क्षेत्र के सोनेसिली गांव के 23 किसान परिवारों ने गुरुवार तड़के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे के बंगले को घेर लिया। ये किसान अपने साथ महिलाओं, बच्चों और बर्तन लेकर पहुंचे। कृषि मंत्री से उनकी गुहार है कि वर्षों से जिस पर वह खेती कर रहे थे, उस खेत से उन्हें बेदखल किया और यह काम गांव के ही सरपंच और उप सरपंच ने किया है। किसान अपनी जमीन वापस करने की मांग को लेकर कल रात पैदल ही घर से निकले थे। हालांकि, घेराव की सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसानों को जबरन वहां से हटाकर बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पहुंचा दिया।
50 साल से कर रहे खेती
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वे लोग कृषक सहकारी समिति सोनेसिल्ली ( Minister Bungalow) से जुड़े हुए हैं और पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से गांव की खाली जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। इस साल गांव के सरपंच और उपसरपंच ने उनको जमीन से बेदखल करने की कार्रवाई शुरू कर दी। उनकी खड़ी फसल को मवेशियों से चरा दिया गया। इस जमीन पर एसडीएम न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी किया था। एसडीएम ने 4 अगस्त को वह स्थगन आदेश खारिज कर दिया। ऐसे में उन परिवारों के सामने जीवन-मरण का प्रश्न खड़ा हो गया।
बर्तन-राशन लेकर पहुंचे किसान
गांव से सभी लोग रात को ही राजधानी के लिए निकल पड़े। वे अपने साथ बर्तन और राशन भी लेकर आए हैं। सुबह पांच बजे किसानों ने शंकर नगर स्थित कृषि मंत्री के बंगले के बाहर डेरा जमा लिया। नारेबाजी शुरू हुई तो पुलिस हरकत में आई। पुलिस कर्मियों ने पहले तो किसानों को वहां से खदेडऩे की कोशिश की। बाद में सभी को गाड़ी में बिठाकर बूढ़ातालाब के पास छोड़ आई। किसान अभी भी बूढ़ातालाब के पास जमें हुए हैं।
24 जुलाई को भी नहीं मिलने दिया
बेदखली से परेशान किसान परिवार 24 जुलाई को भी कृषि मंत्री ( Minister Bungalow) और मुख्यमंत्री से मिलने रायपुर आ रहे थे। वे सुबह-सुबह पैदल ही निकल पड़े थे। प्रशासन ने उन्हें माना में ही रोक लिया। अभनपुर एसडीएम निर्भय साहू ने किसानों से बात की थी और सरपंच के बेदखली आदेश पर स्थगन आदेश जारी किया था।
ये है पूरा विवाद
किसानों के मुताबिक सरकार ( Minister Bungalow) ने गोबरा नवापारा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनेसिल्ली के 23 भूमिहीन परिवारों को 1970 में ग्राम पंचायत कुर्रा के आश्रित ग्राम सोनेसिल्ली में भूमि प्रदान की गई थी। इस पर ये परिवार खेती करते आ रहे थे। अब सरपंच गोमेश्वरी साहू, और उपसरपंच ताराचंद साहू ने ग्रामीणों के एक समूह को एकजुट कर उन्हें जबरदस्ती जमीन से बेदखल कर दिया है। इसकी जानकारी प्रशासन को दिया गया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।