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एलमुना रिफाइनरी के विरोध में उतरे मंत्री अमरजीत, भाजपा ने लगाया मंत्री पर कम्पनी मालिकों से लेनदेन का आरोप

Minister Amarjeet came out in protest against Alamuna Refinery, BJP accused the minister of dealing with company owners

Alamuna Refinery

रायपुर/नवप्रदेश। Alamuna Refinery : सरगुजा जिले के बतौली तहसील में लगने वाले एलमुना रिफायनरी प्लांट का स्थानीय ग्रामीण बीते कई महीनों से विरोध करते आ रहे हैं। अब ग्रामीणों का आक्रोश इतना बढ़ गया है कि सरगुजा संभाग के सीतापुर विधायक और सरकार के उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत भी ग्रामीणों का साथ देते दिखाई दे रहे हैं।

मंत्री अमरजीत भगत ने तो CM भूपेश बघेल को पत्र लिखकर रिफायनरी प्लांट को दी गई अनुमति निरस्त करने की मांग कर दी है। अनुमति निरस्त करने की बात सामने आते ही भाजपा भी सरकार पर हमलावर हो गई है और लेनदेन का आरोप लगा दिया है।

मां कुदरगढ़ी एलमुना प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के विरोध में मंत्री भगत खुलकर सामने आ गए हैं। जबकि सरकार ने अनुमति देते समय युवा बेरोजगारों को रोजगार देने की शर्त पर ही इस कम्पनी के निर्माण के लिए अनुमति दी थी। लेकिन सरगुजा जिले के बतौली तहसील के ग्राम चिरंगा, मांजा, लैगू, पोड़ीकला, झरगंवा व करदना के ग्रामीणों का कहना ये हैं कि ग्राम सभा की अनुमति के बगैर प्लांट का निर्माण किया जा रहा है जो नियम विरुद्ध है। ग्रामीण कहते हैं कि सरकार कंपनी के डायरेक्टर अनिल अग्रवाल,सुनील अग्रवाल और रवि कुमार अग्रवाल को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाना चाह रही है जिसे पूरा नहीं होने देंगे।

ग्रामीणों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए प्रदेश के उपभोक्ता संरक्षण मंत्री (Alamuna Refinery) अमरजीत सिंह भगत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शनिवार को पत्र लिखा, जिसमे सरगुजा जिले के बतौली तहसील के 6 ग्रामवासियों द्वारा मां कुदरगढ़ी एलमुना रिफायनरी प्राइवेट लिमिटेड प्लांट को रोकने पूर्व में राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। साथ ही ग्रामीणों ने हाई कोर्ट में प्लांट के खिलाफ याचिका भी दायर किया है।

मंत्री ने पत्र में यह भी उल्लेखित किया कि उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता प्लांट की स्थापना नहीं होने देना चाहते हैं। यदि अनुमति रद्द नहीं की गई तो इससे उनके यानि मंत्री अमरजीत भगत को व्यक्तिगत, राजनैतिक सहित पार्टी को भी ग्रामीणों की नाराजगी का खामियाजा भोगना पड़ेगा। इन्ही सब कारणों को देखते हुए रिफायनरी प्लांट की अनुमति निरस्त किया जाए।

Alamuna Refinery

भाजपा के टारगेट में सरकार

मंत्री अमरजीत द्वारा लिखे गए पत्र सार्वजनिक होने के बाद सियासी हल्कों में सरगर्मियां बढ़ गई है। प्लांट को निरस्त करने की पहल सरकार के मंत्री ने जगजाहिर कर दिया तो भाजपा को फिर एक मुद्दा राज्य सरकार को घेरने के लिए मिल गया। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने साफ तौर पर सरकार को किसान विरोधी, मजदूर विरोधी, युवा विरोधी और आदिवासी विरोधी सरकार करार दिया है। उपासने की माने तो यह सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के बजाय अपने राजनीतिक हित का ध्यान सबसे ज्यादा दे रही है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के चलते विकास अवरुद्ध करना इस सरकार का सबसे बड़ा काम है। उन्होंने कहा कि इसमें राजनीतिक स्वार्थ से ज्यादा कंपनी (Alamuna Refinery) के मालिकों से लेनदेन के मामले में सेटिंग नहीं होना सबसे बड़ी बात है। उनका कहना है कि यदि सेटिंग हो जाती तो इस तरह की आपत्ति कतई नहीं होती।

ग्रामीणों की नाराजगी तो मंत्री का बस बहाना मात्र है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और शासन द्वारा लिए गए निर्णय का विरोध करना मंत्री और मुख्यमंत्री के बीच समन्वय स्थापित नहीं होना बता रहा है। उपासने ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की शासन आई है तब से लेकर अब तक कई बार मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच समन्वय की कमी देखी गई है। मंत्री कई बार खुलकर विरोध करते भी नजर आए हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है और इसमें साफ तौर पर गुटबाजी नजर आ रही है, जिससे प्रदेश का विकास रुक रहा है।

अब तक यह सरकार घोषणा पत्र में किया गए वादों के अनुरूप तीन साल में युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं दे पाई। बस्तर और सरगुजा में जब नया उद्योग खोलने की बात आती है तो सरकार के मंत्री ही इसका विरोध करते हैं। ऐसे में रोजगार छीनने का काम यह सरकार कर रही है और अब जब एक अवसर सरगुजा क्षेत्र में नए कंपनी के माध्यम से युवाओं को मिल रहा था, उसे भी स्थानीय मंत्री अपना हित साधते हुए अनुमति रद्द करने की बात कह रहे हैं। ऐसे में सरकार की नीति समझ से परे है।

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