रायपुर/नवप्रदेश। Mineral Trust Breaking : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में खनिज न्यास मद के राज्य स्तरीय निगरानी समिति बैठक आयोजित की गई है।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
सोशल ऑडिट के लिए राज्य स्तरीय प्रकोष्ठ का गठन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज उनके निवास कार्यालय में खनिज न्यास मद (Mineral Trust Breaking) की राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री ने डीएमएफ मद से उच्च और सामान्य प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए मितव्ययिता पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिले में आयोजित होने वाले मेला आदि समारोह में डीएमएफ की राशि का उपयोग नहीं किया जाए। इस बैठक में डीएमएफ मद के आय-व्यय के सोशल ऑडिट के लिए राज्य स्तरीय प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज मद की राशि का आवंटन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभावित जिलों में निर्धारित अनुपात के आधार पर किया जाए। इसमें नवगठित 5 जिलों के लिए भी राशि का आवंटन सुनिश्चित किया जाए, ताकि विकास कार्यों को प्राथमिकता के साथ समय पर पूर्ण हो सके।
DMF का उपयोग इसके लिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य व शिक्षा संबंधी उपकरणों की खरीदी के लिए विभागीय बजट का उपयोग किया जाए। इसके लिए डीएमएफ मद का उपयोग ना हो। उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए इस मद से उपकरणों की खरीदी की अनुमति रहेगी। इसी प्रकार खनिज न्यास मद से कार्यालयीन उपयोग के लिए वाहनों की खरीदी प्रतिबंधित रहेगी, लेकिन स्वास्थ्य जैसी अति आवश्यक सेवाओं के लिए एंबुलेंस और शव वाहन खरीदे जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि गरियाबंद जिले के हीरा खदान में न्यायालय द्वारा लगाए स्टे आर्डर को वापल लेने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि वहां के हीरा खदान विधिवत रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया की जा सके। बैठक में मुख्यमंत्री ने पिछली बैठक के निर्देश में किए गए कार्य और व्यय का अनुमोदन भी किया। मुख्यमंत्री के सचिव कोमल सिद्धार्थ सिंह परदेशी ने जानकारी (Mineral Trust Breaking) दी कि जिला खनिज न्यास के गठन से लेकर अब तक 70 हजार कार्यों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। जिसमें से 43 हजार कार्य पूर्ण हो चुके हैं।