रायपुर/नवप्रदेश। Millets in Schools : राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देश के बाद भी छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में स्कूलों में मिलेट्स चिक्की खरीदने का आदेश जारी कर दिया गया। बताते हैं पांच जिलों में इसका वितरण भी कर दिया।
सरकार के निर्देशों को नजरअंदाज
जबकि, राज्य सरकार ने कलेक्टरों को आदेश दिया था कि वन विभागों की संस्थाओं से कच्चा मिलेट्स खरीदकर स्कूलों में ही उसे तैयार कर बच्चों को बांटा जाए। मगर जिला शिक्षा अधिकारियों ने सी मार्ट से रेडिमेड चिक्की खरीद डाला। पता चला है, इसमें बड़ा खेला हुआ है। रायपुर के एक कारोबारी ने मिलेट्स चिक्की बनाकर जिलों के सी मार्ट में सप्लाई कर दिया और डीईओ ने सी मार्ट की आड़़ में उसे खरीद लिया। इसमें कुछ जिलों के कलेक्टरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। पीएमओ में इसकी शिकायत की गई है क्योंकि पैसा केंद्र का था।
केंद्र ने सीएम बघेल के आग्रह को दी थी मंजूरी
ज्ञातव्य है, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा पूरक पोषण अंतर्गत सोया चिक्की के वितरण करने हेतु वार्षिक कार्य योजना में स्वीकृति दी गई थी। मगर सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र से आग्रह किया कि हमारे यहां सोयाबीन का उत्पादन कम होता है लिहाजा मिलेट्स चिक्की वितरण की अनुमति दें। फरवरी में भारत सरकार से इसकी इजाजत मिल भी गई।
राज्य शासन द्वारा इस संबंध में स्पष्ट आदेश दिये गये कि मिलेट्स की खरीदी जिला स्तर पर वन विभाग की संस्थाओं अथवा सी मार्ट से की जाये, परन्तु मिलेट की पकी हुई सामग्री नहीं खरीदें बल्कि कच्चा मिलेट खरीदकर उसे स्व-सहायता समूहों द्वारा पकी हुई सामग्री में परिवर्तित कर बच्चों को बांटा जाये। इस निर्देश के पीछे आशय यह था कि मिलेट के व्यंजन को स्कूल स्तर पर ही पकाया जाएगा क्योंकि स्कूल स्तर पर मध्यान्ह भोजन पकाने का कार्य स्कूल स्तर के स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जाता है ।
भारत सरकार के गाईड लाईन
राज्य शासन द्वारा विभागीय पत्र 10 मार्च 2023 द्वारा निर्देशित किया गया कि जिला कलेक्टर स्थानीय स्तर पर स्व-सहायता समूहों के माध्यम से वन विभाग द्वारा उपार्जित सामग्री से खाद्य पदार्थ बनवाकर भंडार क्रय नियम का पालन करते हुए करा सकेंगे। भारत सरकार के गाईड लाईन अनुसार प्रधानमंत्री पोषण का संचालन स्व-सहायता समूहों द्वारा कराया जा सकता है। बाजार में उपलब्ध रेडीमेट खाद्य सामग्री क्रय पर रोक लगाई जाए। मिलेट आधारित खाद्य सामग्री का वितरण प्रस्तावित 12 जिलों में सप्ताह में 4 दिन किया जाए। पूरक पोषण सामग्री का वितरण शैक्षणिक सत्र 2022-23 अर्थात् 30 अप्रैल 2023 तक किया जाये। जिला शिक्षा अधिकारियों के मांग अनुसार राज्य कार्यालय द्वारा आबंटन जारी किया जाये।
चिक्की खरीदी में गड़बड़ी की खबर मीडिया में आई तो डीपीआई सुनील जैन ने वीडियो कान्फ्रेसिंग की। इसमें यह बात पता चली कि कुछ जिलों में वास्तव में इस प्रकार से मिलेट चिक्की की खरीदी करने के आदेश जारी किये गये हैं। संचालक, लोक शिक्षण ने वीडियों कान्फ्रेसिंग के दिन ही 20 अप्रैल 2023 को जिला शिक्षा अधिकारियों को ऐसा क्रय आदेश तुरंत निरस्त करने के निर्देश दिये हैं।
इन जिलों को नोटिस
स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है, जिला स्तर पर राज्य शासन के आदेश के विपरीत और राज्य शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए मिलेट चिक्की क्रय करने के आदेश जारी करने की सूचना मिली है। यदि ऐसा हुआ है तो यह घोर अनुशासनहीनता है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। राज्य शासन द्वारा जारी आदेशों का उल्लंघन करने वाले जिला दुर्ग, गरियाबंद, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, रायगढ़, बलौदा-बाजार, नारायणपुर, कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा के अधिकारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी करते हुए, निर्देशित किया गया है कि मिलेट के व्यंजन स्कूल स्तर पर पकाये जाने हैं। उनको कोई खरीदी नहीं की जानी है और यदि खरीदी के आदेश जारी हुये भी हैं तो उसे तत्काल निरस्त किया जाए।
सरकारी प्रवक्ता याने जनसंपर्क विभाग से जारी खबर के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग इसके लिये कटिबद्ध है कि प्राप्त राशि का सही उपयोग हो। किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दास्त नहीं किया जायेगा तथा दोषी अधिकारियों को किसी भी स्थिति में नहीं बख्शा जायेगा एवं उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही (Millets in Schools) की जायेगी।