Milk And Cancer : दूध, दही और पनीर को भारतीय खानपान का अहम हिस्सा माना जाता है। दादी-नानी हमेशा इन्हें सेहत के लिए ज़रूरी बताती रही हैं। लेकिन हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर कई वीडियो और दावे सामने आए हैं जिनमें कहा गया है कि दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में कैंसर सर्जन डॉ. जयेश शर्मा ने इस विषय पर विस्तार से सच्चाई बताई है।
क्या दूध से कैंसर होता है?
डॉ. शर्मा के मुताबिक, लोग दूध और कैंसर के बीच तीन तरह के कारण जोड़ते हैं।
IGF-1 हार्मोन का स्तर बढ़ना
दूध में कैसीन नामक प्रोटीन होता है जिससे IGF-1 हार्मोन थोड़ा बढ़ सकता है। यह हार्मोन सेल्स के डिवीजन में मदद करता है। रिसर्च में पाया गया है कि बहुत अधिक मात्रा (लगभग 1 लीटर प्रतिदिन) में दूध लेने पर प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम थोड़ा बढ़ सकता है। लेकिन सामान्य मात्रा में दूध लेने से कैंसर (Milk And Cancer) और IGF-1 का कोई स्पष्ट संबंध नहीं मिला।
दूध और इंफ्लेमेशन (सूजन)
कुछ लोग मानते हैं कि दूध से शरीर में सूजन बढ़ती है। डॉ. शर्मा कहते हैं कि अगर दूध पीने के बाद गैस, एसिडिटी या पेट खराब नहीं होता तो इसका मतलब है कि दूध से आपके शरीर में सूजन नहीं हो रही।
जिन लोगों को लैक्टोज इनटॉलरेंस है, उन्हें दूध से दिक्कत हो सकती है।
वहीं, दही, छाछ, पनीर और चीज जैसे फर्मेंटेड डेयरी प्रोडक्ट्स से इंफ्लेमेशन कम होने के सबूत मिले हैं।
हार्मोन और ब्रेस्ट कैंसर का डर
माना जाता है कि दूध में मौजूद हार्मोन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन अब तक की किसी भी स्टडी में दूध और ब्रेस्ट कैंसर का सीधा संबंध नहीं मिला। शरीर जितना हार्मोन (Milk And Cancer) खुद बनाता है, उसकी तुलना में दूध से मिलने वाला हार्मोन बहुत कम होता है और हानिकारक नहीं माना जाता।
उल्टा, दही और छाछ का सेवन कोलन कैंसर (बड़ी आंत का कैंसर) का खतरा कम करता है।
डॉ. जयेश शर्मा ने स्पष्ट किया कि दूध या डेयरी प्रोडक्ट्स से कैंसर नहीं होता। हाँ, अगर कोई व्यक्ति लैक्टोज इनटॉलरेंट है तो उसे दूध से परहेज़ करना चाहिए। लेकिन सामान्य रूप से दूध, दही और पनीर का सेवन सेहत के लिए लाभकारी है।