बहरामपुर/नवप्रदेश। प्रवासी श्रमिक (migrant labourer) को न तो गांव के क्वारंटाइन सेंटर (denied stay at quarantine centre) पर रुकने दिया गया और न ही गांव में। आखिरकार इस प्रवासी श्रमिक को दो दिन जंगल (jungle) में बिताने पड़े।
मामला ओडिशा के बहरामपुर (behrampur) गांव का है। गांव के एक व्यक्ति ने बतया कि यह प्रवासी श्रमिक चन्नई से लौटा था। न तो उसे गांव में रुकने दिया गया न ही क्वारंटाइन सेंटर (denied stay at quarantine centre) में।
बहरामपुर (behrampur) के इस प्रवासी मजदूर (migrant labourer) की किसी ने मदद नहीं की। वह पुलिस के पास गया ब्लॉक आफिस में गया। लकिन वहां भी कोई मदद नहीं मिली।
और आखिरकार उसे जंगल (jungle) का रुख करना पड़ा। बाद में पुलिस उसके पास पहुंची और उसे थाने ले जाया गया।
ओडिशा सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों कें मुताबिक, राज्य में 2608 कन्फर्म केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 996 एक्टिव पॉजिटिव हैं। जबकि 1604 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है। अब तक 8 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं।