Middle class suffering due to tax burden: कर के भार से लदे आम आदमी को अब अपनी पुरानी कार बेचने पर भी 18 प्रतिशत कर चुकाना पड़ेगा। कहने का मतलब पुरानी कार बेचने पर दस से बीस हजार रूपये ही लोगों के पल्ले पडेंग़े। इससे ज्यादा तो कबाड़ी से मिल जाएगा।
समझ में नहीं आता कि सबका साथ सबका विकास करने का दम भरने वाली सरकार मिडिल क्लास ही क्लास लगाने पर क्यों उतारू है? मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने वाली योजनाओं के लिए जो मिडिल क्लास भर भरकर कर देता है उसी की कमर तोडऩे पर तुली सरकार सोने के अंडे देने वाली मुर्गी का पेट न फाड़े।