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Mid Term Vice President Election India : भारत के लोकतंत्र में नई इबारत…तीसरी बार उपराष्ट्रपति पद के लिए मध्यावधि चुनाव…तय होंगे अगले पाँच साल के समीकरण…

Mid Term Vice President Election India

Mid Term Vice President Election India

Mid Term Vice President Election India : भारत के संसदीय इतिहास में यह तीसरी बार है जब उपराष्ट्रपति पद के लिए कार्यकाल के बीच में चुनाव हो रहे हैं। इससे पहले वीवी गिरि और आर. वेंकटरमन ने राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने के लिए इस्तीफा दिया था। उनके बाद गोपाल स्वरूप पाठक और डॉ. शंकर दयाल शर्मा उपराष्ट्रपति बने। अब जगदीप धनखड़ के पद छोड़ने के बाद एक बार फिर इतिहास खुद को दोहरा रहा है।

लेकिन इस बार का चुनाव और भी खास है। क्योंकि नया उपराष्ट्रपति(Mid Term Vice President Election India) केवल शेष अवधि के लिए नहीं, बल्कि पूरे पाँच साल का कार्यकाल पूरा करेगा। इसका सीधा मतलब है कि संसद की राजनीति में एक नई स्थिरता और नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं।

क्यों है यह चुनाव महत्वपूर्ण?

संसद में सत्ता और विपक्ष के बीच टकराव का केंद्र अक्सर राज्यसभा रहती है, और उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं।

नए उपराष्ट्रपति का कार्यकाल सरकार के नीतिगत एजेंडे और विपक्ष की रणनीति दोनों पर गहरा असर डालेगा।

2029 के लोकसभा चुनाव तक यह चेहरा भारतीय राजनीति का एक प्रमुख किरदार हो सकता है।

इतिहास की रोशनी में वर्तमान

1952 से अब तक देश ने 14 उपराष्ट्रपति देखे हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन से लेकर जगदीप धनखड़ तक इस पद ने न सिर्फ संसद संचालन बल्कि राष्ट्रीय राजनीति(Mid Term Vice President Election India) को भी दिशा दी है। अब 2025 का यह मध्यावधि चुनाव भारतीय लोकतंत्र की यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ेगा।

आगे का रास्ता

9 सितंबर 2025 को मतदान और परिणाम घोषित होंगे। एनडीए के पास फिलहाल बढ़त दिख रही है, लेकिन विपक्ष भी इस चुनाव को प्रतीकात्मक लड़ाई में बदलने की कोशिश करेगा। आने वाले पाँच साल यह चेहरा संसद(Mid Term Vice President Election India) और देश की राजनीति की धुरी बनने वाला है।

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