जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चौरभाठा में शनिवार 13 दिसंबर को मध्याह्न भोजन खाने (Mid Day Meal Incident) के बाद 25 बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। बच्चों को स्कूल में मध्याह्न भोजन योजना के तहत राहुल स्वसहायता समूह द्वारा खीर और पूड़ी परोसी गई थी। आरोप है कि नियमानुसार भोजन की गुणवत्ता जांच किए बिना ही इसे बच्चों को परोस दिया गया।
भोजन (Mid Day Meal Incident) करने के कुछ ही देर बाद बच्चों को उल्टी, पेट दर्द और चक्कर जैसी शिकायतें होने लगीं। स्थिति बिगड़ती देख शिक्षकों और परिजनों ने सभी बीमार बच्चों को तत्काल नवागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। इनमें से चार बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जबकि शेष बच्चों का उपचार जारी है।
बच्चों से बातचीत में यह बात भी सामने आई है कि इससे पहले भी इसी स्वसहायता समूह द्वारा खराब गुणवत्ता का भोजन परोसे जाने की शिकायतें की गई थीं। बच्चों ने इसकी जानकारी अपने पालकों और शिक्षकों को मौखिक रूप से दी थी, लेकिन व्यवस्था में कोई ठोस सुधार नहीं किया गया। इस लापरवाही का खामियाजा आखिरकार बच्चों को भुगतना पड़ा।
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि सभी बच्चों की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और आवश्यक चिकित्सकीय उपचार दिया जा रहा है। वहीं, घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय विधायक ने मामले को संज्ञान में लिया और फोन पर ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर से चर्चा कर बच्चों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
घटना के बाद जिला शिक्षा अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी ली। मामले को गंभीर मानते हुए शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त जांच की संभावना जताई जा रही है। अब सवाल यह है कि शासन-प्रशासन इस गंभीर लापरवाही पर क्या कार्रवाई करता है और मध्याह्न भोजन योजना की निगरानी व्यवस्था को कैसे मजबूत किया जाता है। यह घटना एक बार फिर सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

