ठाणे। Drunken Driving Case: शराब पीकर गाड़ी चलाने का मामला दर्ज होने और पुलिस द्वारा मामला कोर्ट में दायर करने से हताश होकर मनीष उटेकर ने शुक्रवार सुबह अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उटेकर के परिवार ने मांग की है कि ट्रैफिक पुलिस की प्रताडऩा के कारण युवक ने आत्महत्या की है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को न्याय देना चाहिए, लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने इस आरोप से इनकार कर दिया है।
ठाने पुलिस ने शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की थी। उसी ऑपरेशन में मनीष और उसके दो अन्य दोस्त भी मिले। ड्राइवर मनीष पर नशे में गाड़ी चलाने के लिए धारा 185 के तहत मामला दर्ज किया गया, जबकि उसके दो साथियों पर धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया।
इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने कहा कि उन्हें कोर्ट जाना होगा। उन्होंने मांग की कि जुर्माना अदालत के बजाय मौके पर ही लगाया जाना चाहिए। मामला कोर्ट में जाने के बाद पुलिस ने भी उसकी बात नहीं सुनी तो मानसिक दबाव के चलते मनीष ने शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस का कहना है…
ऐसे में उनका कोर्ट जाना अपरिहार्य था। उन पर अदालत में जुर्माना लगाया गया होगा। किसी ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताडि़त नहीं किया है। उसे अगले दिन बुलाया गया लेकिन वो नहीं आया। कोपरी यातायात शाखा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ज्ञानेश्वर अवाद ने कहा, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
मृत्यु से पहले माँ को किया मैसेज
मरने से पहले मनीष ने अपनी मां को मोबाइल पर मैसेज में बताया था कि उसे ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ लिया है। उन्होंने कोर्ट जाने की धमकी दी है। पुष्पक और सुधाकर ने कहा कि पुलिस उनका करियर बर्बाद करना चाहती है। यातायात पुलिस का सम्मान करता है, लेकिन किसी के साथ ऐसा व्यवहार मत करो कि उसने मरने के लिए विवश होना पड़े।