रायपुर, नवप्रदेश। ज्योतिषशास्त्र में बुध अपनी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमारे जीवन के बहुत विशेष घटकों को नियंत्रित करता है। बुध का रंग हरा है वर्ण वैश्य है बुध (Astrology) मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है कन्या राशि बुध की उच्च राशि भी है और मीन राशि में बुध नीचस्थ अर्थात सबसे कमजोर होता है, शनि, शुक्र और राहु बुध के मित्र ग्रहहैं और गोचरवश बुध (Astrology) किसी भी राशि में लगभग एक माह रहता है।
बुध आपकी जुबान, बर्ताव, आपके दिमाग और आपकी खूबसूरती का कारक ग्रह है. कुंडली में बुध की स्थति तय करती है कि आप कैसा बोलते हैं, कैसा व्यवहार करते हैं, आपका व्यक्तित्व और बुद्धि (Astrology) कैसी है।
बुध का महत्व और विशेषताएं
बुध को ग्रहों में सबसे सुकुमार और सुन्दर ग्रह माना जाता है। ज्योतिष में बुध को युवराज ग्रह भी कहते हैं। कन्या और मिथुन राशी का स्वामी बुध है और इसका तत्व पृथ्वी है। ज्योतिष में बुध को वैसे तो बुद्धि, तर्कशक्ति, निर्णय क्षमता, याददास्त, सोचने समझने की क्षमता,वाणी, बोलने की क्षमता, उच्चारण, व्यव्हार कुशलता, सूचना, संचार, यातायात, व्यापार, वाणिज्य, गणनात्मक विषय, लेखन, त्वचा, सौंदर्य और सुगंध, कम्युनिकेशन और गहन अध्ययन का कारक माना गया है इसके अतिरिक्त
कान, नाक, गले और संचार से भी बुध का संबंध है। गणितीय और आर्थिक मामलों में कामयाबी भी दिलाता है।और ये सभी घटक हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं विशेषतः बुद्धि क्षमता की तो आज के समय में सर्वाधिक और हरजगह आवश्यकता होती है।
बुध से बुद्धि, वाणी और एकाग्रता की समस्या
यदि कुंडली में बुध नीच राशि (मीन) में हो, छटे या आठवे भाव में स्थित हो, केतु या मंगल से पीड़ित हो, सूर्य के साथ समान अंशपर होने से पूर्ण अस्त हो, षष्टेश अष्टमेश से पीड़ित हो या अन्य किसी भी प्रकार जब बुध बहुत कमजोर या पीड़ित हो ऐसे में व्यक्ति को मष्तिष्क से जुडी समस्यायें और तंत्रिका तंत्र संबंधित रहती हैं।
इसके प्रभाव से आपको लगने लगता है की आपकी सोचने और समझने की शक्ति कमजोर है। कोई भी फैसला लेने में आपको वक्त लगता है और आपका ध्यान भी बार-बार भटकता है तो हो सकता है कि आपका बुध कमजोर हो।
बुध कमजोर हो तो इंसान अपनी बुद्धि का सही प्रयोग नहीं कर पाता।
ऐसे इंसान को कोई भी चीज देर से समझ आती है और वह अक्सर दुविधा में ही रहता है।
बुध कमजोर हो तो इंसान ठीक से बोल नहीं पाता, कभी कभी हकलाहट भी होती है।
बुध से बुद्धि, वाणी और एकाग्रता की समस्याओं के उपाय
रोज सुबह तुलसी के पत्तों का सेवन करें। इसके बाद 108 बार ‘ॐ ऐं सरस्वतयै नमः’ का जाप करें।
हर बुधवार को गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं और इस दूर्वा को अपने पास रखें।
बुध के कारण त्वचा की समस्या
कमजोर बुध कभी-कभी त्वचा से जुड़ी समस्याएं भी देता है। कमजोर बुद्ध से एलर्जी, दाने और खुजली की समस्या होती है। सूर्य का प्रभाव हो तो त्वचा पर दाग-धब्बे पड़ जाते हैं। मंगल का भी प्रभाव हो तो त्वचा झुलस सी जाती है। राहु का योग हो तो विचित्र तरह की त्वचा की समस्या होती है।
बुध के कारण त्वचा की समस्या के उपाय
रोज सुबह सूर्य को जल चढ़ाएं. ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों और सलाद का सेवन करें।
प्रभावित जगह पर नारियल का तेल लगाएं।
अगर त्वचा की समस्या ज्यादा हो तो एक ओनेक्स पहनें।
बुध से कान, नाक और गले की समस्या
बुध बहुत कमजोर हो तो सुनने और बोलने में दिक्कत होती है। कभी-कभी गला खराब हो जाता है और लगातार खराब ही रहता है।
सर्दी-जुकाम की समस्या हो सकती है, किसी खास तरह की गंध से एलर्जी होती है।
बुध से कान, नाक और गले की समस्या के उपाय
रोज सुबह गायत्री मंत्र का जाप करें या मन में दोहराएं।
चांदी के चौकोर टुकड़े पर “ऐं” लिखवाकर गले में पहनें।
ज्यादा से ज्यादा हरे कपड़े पहनें।
रोज सुबह स्नान के बाद पीला चन्दन माथे, कंठ और सीने पर लगाएं।
कमजोर बुध से गणित से जुड़े विषयों की समस्या
कई बार पढ़ाई-लिखाई में कड़ी मेहनत करने के बावजूद कुछ लोग गणित और इससे जुड़े विषयों में कमजोर ही रह जाते हैं. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इसका कारण कमजोर बुध हो सकता है।
बुध कमजोर हो तो गणित या गणित से जुड़े विषयों में समस्या होती है। गणित से मिलते जुलते विषय जैसे – अकाउंट्स, इकोनॉमिक्स या सांख्यिकी में भी दिक्कत होती है।
इंसान को बार-बार इन विषयों में नाकामी का सामना करना पड़ता है।
कमजोर बुध के चलते गणित से जुड़ी समस्याओं के उपाय
अपनी इच्छा से ही गणित से जुड़े विषय चुनें, जबरदस्ती नहीं।
रोज सुबह और शाम “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का जाप करें। अपने पढ़ने की जगह पर कोई हरे रंग की देव प्रतिमा लगाएं। एवं खाने में थोड़ी सी हरी मिर्च का प्रयोग जरूर करें।