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Mekahara Hospital : कार्डियक सर्जरी के लिए आर्मी अफसर ने मेकाहारा पर जताया भरोसा

Mekahara Hospital: Army officer trusts Mekahara for cardiac surgery

Mekahara Hospital

रायपुर/नवप्रदेश। Mekahara Hospital : प्रदेश का अकेला सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल हमेशा सुर्खियों में रहा है। इस अस्पताल ने कभी मरीज को बिना इलाज के मरते देखा, कभी बच्चों के वार्ड में आग लग गई तो कभी बर्न यूनिट में आगजनी की घटना ने सुर्खियां बटोरीं। पिछले कुछ सालों से इस सरकारी अस्पताल में कई बेहतरीन काम हो रहे हैं।

इसी कड़ी में इस अस्पताल के एडवांस्ड कार्डिएक इंस्टीट्यूट के कार्डियक सर्जरी विभाग के डॉ. कृष्णकांत साहू और उनकी टीम इन दिनों कई बड़े सफल ऑपरेशन कर राज्य ही नहीं देश भर में मशहूर हो गई है। यही कारण है कि लोग बड़े-बड़े सर्व सुविधायुक्त अस्पतालों को छोड़कर सरकारी अस्पताल में इलाज कराना उचित समझ रहे हैं।

रोगी ने पत्र लिखकर व्यक्त किया आभार

डॉ. कृष्णकांत साहू एवं उनकी टीम ने बीते दिनों एक ओर उपलब्धि भरा काम किया। डॉ. साहू और उनकी टीम ने सशस्त्र सुरक्षा बल में तैनात एक फौजी जवान के हार्ट में कृत्रिम वाल्व का सफल प्रत्यारोपण किया। हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जन एवं विभागाध्यक्ष डॉ. साहू के नेतृत्व में हुए इस ऑपरेशन में फौजी जवान ने ओपन हार्ट सर्जरी के लिए आर्मी हॉस्पिटल दिल्ली का चयन न करके रायपुर के सरकारी अम्बेडकर अस्पताल का चयन किया। ओपन हार्ट सर्जरी के बाद ठीक होने पर मरीज ने विभाग को एक पत्र लिखकर अपनी संवदेना एवं कृतज्ञता प्रकट की जिसमें हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टॉफ, डॉक्टर्स एवं एडमिनिस्ट्रेशन की तारीफ की।

दिल्ली का आर्मी हॉस्पिटल छोड़ सरकारी अस्पताल में कराया इलाज

सशस्त्र सीमा बल में तैनात मरीज अशोक कुमार थापा पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। उनकी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है। फौजी चाहता तो दिल्ली के सुविधायुक्त सेना अस्पताल में ऑपरेशन करवा सकता था, लेकिन उन्होंने एसीआई (Mekahara Hospital) के सर्जन पर ज्यादा विश्वास किया एवं यहीं ऑपरेशन करवाने का निर्णय लिया।

सांस फूलने और सीने में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचे

मरीज एसीआई के कार्डियक सर्जरी विभाग में सांस फूलने एवं छाती में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचा था। जांच में पता चला कि इनकी एओर्टिक वाल्व खराब हो चुकी है जिसके कारण इनका हृदय रक्त को ठीक से पंप नहीं कर पा रहा था। इस परिस्थिति में उनकी सांस फूल रही थी एवं छाती में दर्द होता था।

इस बीमारी को मेडिकल भाषा में सीवियर एओर्टिक स्टेनोसिस एवं सीवियर एओर्टिक रिगर्गिटेशन कहा जाता है। इस बीमारी में मरीज का वाल्व पत्थर की तरह कड़ा हो जाता है एवं सिकुड़ जाता है। इससे हृदय से पर्याप्त मात्रा में शरीर में रक्त नहीं पहुंच पाता है एवं इलाज न मिलने की स्थिति में मरीज को कुछ समय बाद हार्ट फेल्योर हो जाता है। ऑपरेशन में मरीज को मेटल का कृत्रिम हार्ट वाल्व लगाया गया है। मेडिकल भाषा में एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट विथ रिजेन्ट मेकेनिकल वाल्व कहा जाता है। आज मरीज स्वस्थ्य है एवं 9 दिन बाद पूर्ण स्वस्थ्य होकर अपने घर जा रहा है।

डॉ. कृष्णकांत साहू ने कहा- जीवन का सबसे बड़ा पुरस्कार

मरीज ने अपने पत्र में डॉ. साहू एवं उनकी टीम के प्रति आभार जताया तो वहीं (Mekahara Hospital) कार्डियक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू ने कहा बहुत ही गर्व एवं आत्मसंतुष्टि की बात है। यही हमारे जीवन का सबसे बड़ा पुरस्कार होना चाहिए।

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