नई दिल्ली। मेघालय के राज्यपाल सत्य पाल मलिक (Satya Pal Malik) ने केंद्र सरकार पर फिर तीखा हमला बोला है। राज्यपाल मालिक ने कहा कि दिल्ली में नेता जानवर के मरने पर भी शोक संदेश भेजते हैं, लेकिन कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 600 किसानों की मौत से नेता परेशान नहीं हैं।
जयपुर के बिड़ला सभागार में तेजा फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा, “आज तक इतना बड़ा आंदोलन कभी नहीं हुआ। किसान आंदोलन में अब तक 600 लोग शहीद हुए हैं। जब एक जानवर मर जाता है, तो दिल्ली के नेताओं की ओर से शोक संदेश आता है। हमारे 600 किसान शहीद हुए, लेकिन दिल्ली से कोई संदेश नहीं आया।”
मलिक (Satya Pal Malik) ने जयपुर में एक कार्यक्रम में कहा, “दिल्ली के नेताओं ने महाराष्ट्र के अस्पताल में आग लगने से मरने वाले पांच-सात लोगों के लिए शोक संदेश भेजा था।” राज्यपाल ने कहा कि आंदोलन का असर देश के सशस्त्र बलों पर भी पड़ रहा है क्योंकि वहां किसानों के बेटे कार्यरत हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी मंत्री ऐसे समय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों का दौरा नहीं करता है जब कोई दुख या पीड़ा में हो। उन्होंने कहा, “दिल्ली में शासन करने वाले नेताओं का क्या उपयोग है।” उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि मैं किसानों के धरने पर आकर बैठ जाऊंगा।
मेघालय के राज्यपाल (Satya Pal Malik) ने कहा कि किसानों के जो मुद्दे हैं, अगर मैं कुछ बोलूंगा भी तो उस पर विवाद हो जाएगा। बोले- ‘गवर्नर को हटाया नहीं जा सकता है , लेकिन मेरे जो शुभचिंतक हैं जो इस तलाश में रहते हैं कि ये कुछ बोले और हटे। उन्होंने कहा कि मुझे दिल्ली में बैठे दो-तीन लोगों ने गवर्नर बनाया है, किसानों के प्रति बोलने पर उन्हें दिक्कत होगी, मुझे इस बात का अंदाजा है। लेकिन अगर वो कहेंगे कि हमें दिक्कत है तो मैं एक मिनट भी अपना पद छोड़ने में देर नहीं लगाऊंगा।
इससे पहले भी मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक किसानों का खुलकर समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने एक चर्चा के दौरान में 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का खुलकर समर्थन किया था। उन्होंने किसान आंदोलन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी चर्चा कर किसानों की मांगों को मानने की अपील भी की है।