Medical College Patient Records : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने देशभर के मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों में आने वाले हर मरीज का विस्तृत रिकॉर्ड डिजिटल रूप में संकलित और संरक्षित किया जाए। इसके साथ ही, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA) ID को भी पंजीकरण प्रक्रिया में अनिवार्य रूप से दर्ज करने को कहा गया है।
आयोग ने जून 2024 में जारी अपने एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अभी तक कई मेडिकल कॉलेज मरीजों का ई-रिकॉर्ड नहीं बना रहे हैं, और बड़ी संख्या में संस्थानों में मरीजों की ABHA ID भी नहीं तैयार की जा रही है, जो कि एक सरल प्रक्रिया है और आधार कार्ड के माध्यम से कुछ मिनटों में पूरी की जा सकती है।
प्रत्येक मरीज की जांच रिपोर्ट और उपचार रिकॉर्ड जरूरी
एनएमसी के अनुसार, मेडिकल कॉलेजों को हर इन-पेशेंट (भर्ती मरीज) का रिकॉर्ड इस तरह से रखना होगा कि उसमें संबंधित फैकल्टी और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर का नाम और हस्ताक्षर साफ दर्ज हो।
इसी तरह, सभी लैब और जांच रिपोर्ट पर भी विभागीय फैकल्टी के हस्ताक्षर अनिवार्य (Medical College Patient Records)होंगे। आयोग ने चेतावनी दी है कि यह दस्तावेज़ीकरण सिर्फ औपचारिकता नहीं है, बल्कि एनएमसी अपने मूल्यांकन के दौरान इन रिकॉर्ड्स का गहन सत्यापन करेगी।
फर्जी पाए गए रिकॉर्ड पर होगी सख्त कार्रवाई
यदि किसी भी स्तर पर मरीज के रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा या हेराफेरी पाई जाती है, तो इसके लिए सीधे फैकल्टी, कॉलेज और संस्था जिम्मेदार माने जाएंगे और उन पर कार्रवाई तय होगी।
इलाज से वंचित नहीं होंगे बिना ABHA ID वाले मरीज
हालांकि, आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी मरीज के पास ABHA ID नहीं है, तो उसे इलाज से वंचित नहीं किया (Medical College Patient Records)जाएगा। कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं कि वह ऐसे मरीजों के लिए तत्काल ID निर्माण की प्रक्रिया onsite शुरू करें।