-आईसीपी श्रीमंतपुर में यात्री आवागमन और निर्यात-आयात व्यापार का किया अवलोकन
अगरतला। Indo-Bangla border check post: छत्तीसगढ़ की मीडिया टीम ने आज त्रिपुरा राज्य के सिपाहीजला जिले के सोनामुरा स्थित यात्री आवागमन और निर्यात-आयात व्यापार केन्द्र आईसीपी श्रीमंतपुर जो कि लैंडपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के अधीन है का दौरा किया । लैंड पोर्ट श्रीमंतपुर भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है, जो सोनामुरा सब-डिवीजन शहर से लगभग 4 किलोमीटर और त्रिपुरा के अगरतला शहर से 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । लैंड पोर्ट पड़ोसी देश के कोमिला जिले से केवल 8-10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इस प्रकार यह भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार के लिए एक अत्यंत व्यवहार्य और लागत-कुशल मार्ग है।
लैंड पोर्ट श्रीमंतपुर टर्मिनल श्री प्रदीप साहा ने बताया कि मिनस्ट्री ऑफ शिपिंग के तहत इनलैंड वाटरवेस अथॉरिटी आफ इंडिया द्वारा में गोमती नदी पर एक फ्लोटिंग जेटी भी है जो त्रिपुरा और बांग्लादेश के कोमिला जिले से होकर बहती है । वाटरवेस बांग्लादेश के दाउदकंडी से सोनमुरा तक चिन्हांकित किया गया है। इसमें से बांग्लादेश की ओर 93 किलोमीटर और भारत की तरफ 01 किलोमीटर जलीय मार्ग है । यदि यह जलमार्ग ऑपरेशनल हो जाता है तो त्रिपुरा अंतर्देशीय जल परिवहन के मानचित्र में भी शामिल हो जाएगा और इससे बांग्लादेश के साथ भारत के व्यापार को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है ।
भारत-बांग्लादेश की सीमा की रक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल के 81 बटालियन के कमांडिंग आफसिर राकेश सिन्हा ने बताया कि इस साल जुलाई में पड़ोसी बांग्लादेश में भड़की हिंसा और उथल-पुथल के दौरान बांग्लादेश में पढऩे वाले लगभग 6000 भारतीय छात्र आईसीपी, श्रीमंतपुर और अगरतला के रास्ते भारत आए थे । बीएसएफ और आईसीपी ने भारतीयों को निर्बाध मार्ग, भोजन, परिवहन और चिकित्सा सहायता प्रदान करके भारतीयों की मदद करने में बहुत मदद की।
श्री राकेश सिन्हा ने बताया कि बीएसएफ सीमा पर रहने वाले नागरिकों के दिल में सुरक्षा की भावना उत्पन्न होगा इसका प्रयास करता है । इसके अलावा भारत की सम्प्रभुता अक्षुण रहे इसके लिए सदैव तत्पर रहता है । उन्होंने बताया कि बीएसएफ सीमा सुरक्षा के साथ ही समाज कल्याण, शिक्षा और प्री-रिक्रुटमेंट ट्रेनिंग के लिए भी कार्य कर रहा है ।
श्री सिन्हा ने छत्त्तीसगढ़ की मीडिया टीम से बात करते हुए बताया कि बीएसएफ के लिए स्मगलिंग और गैरकानूनी तरीके से घूसपैठ एक चुनौती है । इसे रोकने लिए बीएसफ भरसक प्रयास कर रहा है । उन्होंने बताया कि सीमा पर जिन किसानों के खेत हैं उन्हें विशेष सुविधा प्रदान की जा रही है ताकि वे अपने खेतों पर खेती-किसानी कर सकें । इसके अलावा सबसे बड़ी चुनौती है नकली आधार और वोटर आईडी कार्ड जिसके वेरिफिकेशन के लिए बीएसएफ के पास और साधन नहीं हैं ।