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Media Ethics : भ्रामक समाचार प्रसारित कर वित्त मंत्री एवं सरकार की छवि धूमिल करने का षड्यंत्र – तथ्यों से हुआ खुलासा

Media Ethics

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Media Ethics : एक न्यूज पोर्टल द्वारा भ्रामक और तथ्यहीन समाचार प्रस्तुत कर वित्त मंत्री  ओ.पी. चौधरी एवं राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने का दुष्प्रयास किया जा रहा है। “13 करोड़ 89 लाख का शाही दफ्तर” तथा “झूमर” जैसे शब्दों का प्रयोग कर षड्यंत्रपूर्वक बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

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स्पष्ट किया जाता है कि लगभग सवा वर्ष पूर्व, वर्ष 2023-24 के तृतीय अनुपूरक बजट में लोक निर्माण विभाग (PWD) की सूची में 1389 लाख रुपये का जो उल्लेख दर्ज था, वह पूर्णतः त्रुटिपूर्ण(Media Ethics) था। इस संबंध में प्रमुख अभियंता ने तत्कालीन विधानसभा सत्र के दौरान 12 फरवरी 2024 को सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि लिपिकीय त्रुटिवश “1389.00 लाख” अंकित हो गया है, जबकि वास्तविक राशि “13.89 लाख” है।

इसके पश्चात विधानसभा में संशोधन सूचना प्रस्तुत की गई और 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:03 बजे सत्र के दौरान उक्त संशोधन सूचना को पढ़ा गया। संशोधन सूचना के अनुरूप “13.89 लाख” का संशोधन भी उसी समय कर दिया गया।

संशोधन सूचना से संबंधित सभी दस्तावेजों का अवलोकन कोई भी इच्छुक व्यक्ति कर सकता है। साथ ही, इस संबंध में विधानसभा की लाइब्रेरी में उपलब्ध वीडियो भी देखा जा सकता है।

इन सभी स्पष्ट एवं प्रमाणित तथ्यों के बावजूद, जानबूझकर 1389 लाख रुपये का समाचार चलाकर वित्त मंत्री(Media Ethics) ओ.पी. चौधरी एवं राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा है कि कार्यालय निर्माण से पूर्व आगंतुकों को गैरेज एवं खुले में धूप या बरसात में बैठना पड़ता था। अब सभी आगंतुक इस कार्यालय में बैठते हैं, जिसे हजारों लोग देख चुके हैं। यह कार्यालय जनसुविधा के लिए बनाया गया है। “1389 लाख” एवं “झूमर” जैसी भ्रामक और गलत खबर प्रसारित करने वालों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई के विकल्प पर भी वकीलों से चर्चा की जा रही है।

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