महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष कराने के फैसले के विरोध में भाजपा ने किया प्रदर्शन
रायपुर/नवप्रदेश। महापौर चुनाव (mayor election) अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के सरकार के फैसले के खिलाफ भाजपा नेताओं (bjp leaders) ने बुधवार को राजीव कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में मोतीबाग के सामने विरोध प्रदर्शन (protest) किया।
यहीं नहीं भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन सौंपकर भी राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का विरोध (protest) दर्ज कराया।
अमर अग्रवाल ने कहा कि यह निर्णय लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है। जनता पार्षद और महापौर के लिए दो अलग-अलग वोट करती है, लेकिन सरकार के निर्णय के बाद जनता से एक वोट (one vote) का अधिकार छिन जाएगा। कांग्रेस की सरकार को हार का डर सता रहा है। लोकसभा चुनाव में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में करारी हार में सरकार को लगने लगा है कि जनता अब उनके साथ नहीं है।
संयुक्त प्रदेश की कांग्रेस सरकार के फैसले का हवाला
भाजपा नेताओं (bjp leaders) का कहना है कि अलग छत्तीसगढ़ बनने से पूर्व तत्कालीन दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने महापौर चुनाव (mayor election) प्रत्यक्ष पद्धति से कराने का फैसला लिया था। तब दलील दी गई थी कि निगमों में बार-बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है, जिसकी वजह से निकायों में विकास अवरुद्ध हो जाता है। अब वर्तमान कांग्रेस सरकार फिर से महापौर का चुनाव पार्षदों के द्वारा कराने का निर्णय लेने जा रही है।
सरकार के गुप्त सर्वे में भाजपा आगे
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 9 माह में ही कांग्रेस की सरकार से जनता का विश्वास उठ चुका है। सभी तरफ विकास के कार्य ठप पड़े हुए हैं। चुनाव में जनता को इसका जवाब देना पड़ेगा इसलिए छल कपट का रास्ता ढूंढा जा रहा है।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार नगरीय निकाय चुनाव का गुपचुप सर्वे करा चुकी है और जो रिपोर्ट निकल कर उनके पास पहुंची है उसमें भाजपा के महापौर और पार्षद बड़ी संख्या में जीत कर काबिज होने जा रहे हैं। इससे घबराकर प्रदेश सरकार लोकतंत्र का गला घोटने की तैयारी कर रही है।