मुंबई/नवप्रदेश। Mass Murder : सांगली में कथित सामूहिक खुदकुशी के इस खुलासे से हडकंप मच गया है। यह मामला सामूहिक आत्महत्या के बजाए सामूहिक हत्याकांड में तब्दील हो गया है। पुलिस ने तांत्रिक अब्बास व उसके ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है।
तांत्रिक के चक्कर में दो भाइयों के परिवारों की गई जान
जी हां, एक तांत्रिक के चक्कर में आकर दो भाइयों के 9 सदस्यों को अपनी जान गंवानी पड़ी। महाराष्ट्र के सांगली (Mass Murder) जिले में कर्ज में डूबने से नौ लोगों द्वारा सामूहिक खुदकुशी के मामले में हैरान करने वाले इस खुलासे के बाद हड़कंप मच गया। दो भाइयों के परिवार को खत्म करने वाला एक दुष्ट तांत्रिक अब्बास मोहम्मद अली है। पुलिस के अनुसार तांत्रिक ने परिवार के लोगों को बारी-बारी से चाय पिलाई और सभी नौ लोग एक-एक कर मौत के मुंह में समा गए। सांगली में कथित सामूहिक खुदकुशी के इस खुलासे के बाद से यह मामला सामूहिक आत्महत्या के बजाए सामूहिक हत्याकांड में तब्दील हो गया है। पुलिस ने तांत्रिक अब्बास व उसके ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार तांत्रिक अब्बास व उसके सहयोगी ड्राइवर ने 20 जून को म्हैसल गांव में दो भाइयों के परिवार के खात्मे की इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया था। थोड़ी थोड़ी दूरी पर मौजूद दोनों भाइयों के घरों में नौ लोगों के शव मिलने से देशभर में सनसनी फैल गई थी। आरंभिक रूप से कहा गया था कि कर्ज में डूबे होने से सामूहिक खुदकुशी की गई है, लेकिन अब पुलिस ने पूरे मामले का राजफाश कर दिया है। मृतकों में शामिल वनमोर भाइयों में से एक शिक्षक था और दूसरा पशु चिकित्सक। कोल्हापुर रेंज के आईजी मनोज कुमार लोहिया ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए यह जानकारी दी।
तांत्रिक ने परिवार से ऐंठ लिया 1 करोड़…रुपये मांगने पर दे दी मौत
आईजी लोहिया के अनुसार तांत्रिक अब्बास ने डॉ. माणिक वनमोरे और पोपट वनमोरे को उनके लिए गुप्त धन खोजने का झांसा दिया था। यह झांसा देकर उसने दोनों भाइयों से करीब 1 करोड़ रुपये ऐंठ लिए थे। इसके बाद तांत्रिक ने धन खोजने के लिए खूब ड्रामेबाजी की और जब वह विफल रहा तो वनमोरे बंधु पैसा लौटाने के लिए उस पर दबाव डालने लगे। तांत्रिक रुपये नहीं लौटाना चाहता था, इसलिए उसने वनमोरे बंधुओं के पूरे परिवार को खत्म करने की साजिश रची और खौफनाक वारदात को अंजाम दे दिया।
इस तरह दिया वारदात को अंजाम
पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी अब्बास मोहम्मद अली बागवान 19 जून को ड्राइवर धीरज चंद्रकांत सुरवशे के साथ म्हैसल गांव में वनमोरे बंधुओं के घर पहुंचा। वनमोरे के घर पर उसने छिपे खजाने को खोजने के लिए तंत्र-मंत्र शुरू किया। तांत्रिक ने वनमोरे परिवार के लोगों को उनके घरों की छत पर भेजा। इसके बाद बारी-बारी से उन्हें नीचे बुलाया और उसके द्वारा तैयार चाय पीने के लिए कहा। पुलिस का दावा है कि चाय में कोई जहरीला पदार्थ मिला हुआ था। जिसे पीने के बाद वनमोरे परिवार के लोग बेहोश होकर दम तोड़ते गए।
इन लोगों के मिले थे शव, सुसाइड नोट भी मिले
शिक्षक पोपट वनमोर (54), पशु चिकित्सक डॉ माणिक वनमोर (49), 74 वर्षीय उनकी मां, दोनों भाइयों की पत्नियां और चार बच्चे दोनों घरों में मृत मिले थे। सांगली पुलिस को दोनों भाइयों के घरों पर शव मिलने के साथ ही वहां सुसाइड नोट भी मिले थे। एक शव के पास एक शीशी भी मिली थी। ये देखकर पुलिस को पहले शंका हुई कि यह सामूहिक खुदकुशी का मामला है। सुसाइड नोट में कुछ साहूकारों के भी नाम थे, जिन्हें वनमोरे बंधुओं ने अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था।
पुलिस ने माना कि गड़ा या गुप्त धन पाने के चक्कर में वनमोरे बंधुओं ने लोगों से कर्ज लिया हुआ था। इस पर 19 लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। घटनास्थल पर मिली शीशियों में से एक शव के पास जहर की शीशी मिली थी।
पुलिस को इसलिए हुआ शक
जांच के दौरान पुलिस को सुसाइड नोट में दर्ज विवरण पर शक हुआ। पुलिस का कहना है कि अक्सर सुसाइड नोट में खुदकुशी करने वाला पहले इसका कारण लिखता है। इसके बाद वह अपनी खुदकुशी के जिम्मेदार लोगों के नाम लिखता है। वनमोरे बंधुओं के केस में सुसाइड नोट में सबसे पहले कुछ लोगों के नाम लिखे थे। यह भी जिक्र नहीं था कि सामूहिक खुदकुशी क्यों की जा रही है? इसके बाद शक और गहराया और पुलिस ने तांत्रिक अब्बास पर शिकंजा कसा।
पुलिस का मानना है कि वनमोरे भाइयों (Mass Murder) से तांत्रिक ने किसी बहाने से साहूकारों के नाम लिखवाए होंगे, ताकि इसी कागज का सुसाइड नोट का रूप देकर पूरे मामले को सामूहिक खुदकुशी साबित किया जा सके। सांगली पुलिस अधीक्षक दीक्षित गेडाम के अनुसार मुख्य आरोपी मोहम्मद अब्बास बागवान और ड्रावर सुरवासे को सोलापुर से गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर भादंवि की धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज किया गया है। उनसे पूछताछ जारी है।