संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उम्मीद जतायी है कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर सुरक्षा परिषद के फैसले पर परिषद के सभी सदस्य देश अमल करेंगे जिसमें उसका नाम प्रतिबंधित सूची में डालते हुए उसके बैंक खाते को सील कर दिया गया है और उसकी विदेश यात्राओं पर रोक लगा दी गयी है। श्री गेटेरेस प्रवक्ता स्टीफन डॉजरिक ने अजहर के खिलाफ सुरक्षा परिषद की ओर से बुधवार को की गयी कार्रवाई की प्रतिक्रिया में यह बात कही है। गौरतलब है कि श्री डॉजरिक ने कहा, जब सुरक्षा परिषद के सभी देश मिलकर किसी फैसले पर पहुंचते हैं तो परिणाम उत्तम होता है। हमें पूरी आशा है कि सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देश इस फैसले को अमल में लायेंगे। श्री गुटेरेस ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र के कदम की एक अहम कड़ी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान से गतिविधियां चलाने वाले मसूद अजहर को बुधवार को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया। पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में पिछले 10 वर्ष में चार बार प्रस्ताव पेश किया गया और हर बार चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर इसमें अड़ंगा लगा दिया। चीन ने गत मार्च में सुरक्षा परिषद में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर भी कुछ समय के लिए रोक लगा दी थी। उसने हालांकि मंगलवार को संकेत दे दिया था कि वह अजहर के खिलाफ प्रतिबंध को लेकर अपनी आपत्ति वापस ले सकता है और कहा था कि अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के महत्वपूर्ण मुद्दे का उचित समाधान निकाला जायेगा।
संयुक्त राष्ट्र के इस कदम को भारत की बड़ी कूटनीतिक विजय माना जा रहा है जो जैश सरगना को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए विश्व समुदाय पर लगातार दबाव बना रहा था। खास तौर पर जब से इस आतंकवादी संगठन ने पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, तब से भारत ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए इस हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गये थे। जैश ए मोहम्मद संसद पर हमले और पठानकोट हमले में भी शामिल था।