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Mareiguda Fire Incident : मरईगुड़ा वन गांव में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी भीषण आग, इस तरह टली बड़ी घटना

Mareiguda Fire Incident

Mareiguda Fire Incident

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड के मरईगुड़ा वन गांव में गुरुवार को शॉर्ट सर्किट के कारण लगी भीषण आग (Mareiguda Fire Incident) ने तीन घरों को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटों के बीच सिलेंडर फटने की आशंका से पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि, (Sukma Administration Action) सुकमा जिला प्रशासन की तत्परता, संवेदनशीलता और कुशल समन्वय ने न केवल स्थिति को नियंत्रित किया, बल्कि एक बड़ी जान-माल की हानि को भी टाल दिया।

कलेक्टर के निर्देश पर तत्काल हुई कार्रवाई

जैसे ही जिला प्रशासन को इस गंभीर घटना की सूचना मिली, कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने तत्काल अधिकारियों को सक्रिय होने का निर्देश दिया। एसडीएम श्री सुभाष शुक्ला के मार्गदर्शन में, आपदा प्रबंधन तंत्र ने तुरंत पड़ोसी राज्य तेलंगाना के भद्राचलम से (Fire Brigade Support) फायर ब्रिगेड को मदद के लिए बुलाने का निर्णय लिया। यह त्वरित और सीमा-पार समन्वय ही आपदा को नियंत्रित करने में निर्णायक साबित हुआ।

(Mareiguda Fire Incident) तहसीलदार ने संभाला मोर्चा

मौके पर तहसीलदार कोंटा गिरीश निंबालकर स्वयं पहुंचे और स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य का नेतृत्व किया। फायर ब्रिगेड के समय पर पहुंचने और ग्रामीणों के सक्रिय सहयोग से (Mareiguda Fire Incident) आग की लपटों पर जल्द ही पूरी तरह काबू पा लिया गया।

मानवीयता का परिचय

भीषण आग और सिलेंडर विस्फोट की आशंका के बावजूद, कोई जनहानि नहीं हुई, जिसे प्रशासन ने सबसे बड़ी राहत बताया है। जिला प्रशासन ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रभावित तीनों परिवारों को तत्काल सहायता पहुंचाई। प्रत्येक प्रभावित परिवार को जिला प्रशासन के द्वारा 10,000 की सहायता राशि प्रदान की गई। मौके पर ही खाद्यान्न और अन्य आवश्यक राहत सामग्री तुरंत वितरित की गई। प्रभावित परिवारों के लिए सुरक्षित अस्थायी आवास की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

(Mareiguda Fire Incident) आगे की कार्यवाही

प्रभावित परिवारों को नियमानुसार सरकारी सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मौके पर ही पंचनामा तैयार कर लिया गया है। प्रशासन का लक्ष्य है कि सभी पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द पूर्ण और स्थायी राहत मिल सके।

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