Maoist Surrender Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवाद (Maoist Surrender Chhattisgarh) को कमज़ोर करने की दिशा में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक साबित होगा। आज कुल 190 माओवादी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष आत्मसमर्पण करने जा रहे हैं।यह अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक सरेंडर बताया जा रहा है। इनमें दो जोनल कमेटी सदस्य, 15 डिविजनल कमेटी सदस्य और 121 एरिया कमेटी व जनमिलिशिया कैडर शामिल हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अबूझमाड़ जंगल में सक्रिय माड़ डिविजन के 140 माओवादी गुरुवार को समर्पण के लिए जंगल से बाहर निकले। उनका नेतृत्व संगठन के प्रवक्ता माओवादी रूपेश और डिविजन सचिव रणिता कर रहे हैं। यह दल इंद्रावती नदी पार कर भैरमगढ़ क्षेत्र पहुंचा, जहां से पुलिस सुरक्षा में इन्हें जगदलपुर लाया जा रहा है। इनके पास एके-47 समेत 71 हथियार हैं। वहीं, कांकेर में आत्मसमर्पण कर चुके भास्कर और राजू सलाम के नेतृत्व में 50 माओवादी भी इस बड़े कार्यक्रम में शामिल किए जाएंगे।
माड़ डिवीजन की सचिव रणिता ने हाल ही में पत्र जारी कर कहा था कि 100 से अधिक माओवादी 15 अक्टूबर तक समर्पण करेंगे। इस सिलसिले में पिछले सप्ताह छह करोड़ के इनामी माओवादी भूपति ने महाराष्ट्र में अपने 60 साथियों के साथ सरेंडर किया था। अब माड़ डिवीजन के 140 और रावघाट एरिया कमेटी के 50 माओवादी भी (Maoist Surrender Chhattisgarh) सरकार की पुनर्वास नीति का हिस्सा बनते हुए मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
अधिकारियों के अनुसार, अबूझमाड़ और दक्षिण बस्तर क्षेत्र में लगातार की जा रही सुरक्षा कार्रवाई और सरकार की “विकास व विश्वास” नीति का असर साफ दिख रहा है। जनवरी 2024 में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक 2,100 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 1,785 गिरफ्तार हुए हैं और 477 मारे गए हैं। (Maoist Surrender Chhattisgarh) आज होने वाला सामूहिक आत्मसमर्पण न केवल बस्तर बल्कि पूरे प्रदेश में माओवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।