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Maoist Encounter Bastar : लाल साया ढह रहा है…तीन दिन में बस्तर के जंगलों में माओवाद की रीढ़ टूटी…किया प्रेस नोट रिलीज़…स्वीकारी ये बात…

बस्तर, 13 जून। Maoist Encounter Bastar : बस्तर का घना जंगल इस बार सिर्फ हरियाली का गवाह नहीं बना, बल्कि वहां माओवादी नेटवर्क की नींव दरकती दिखाई दी। सुरक्षा बलों के व्यापक रणनीतिक अभियान ‘ऑपरेशन कगार’ ने नक्सली आतंक की जड़ों तक दस्तक दी और परिणामस्वरूप तीन दिनों में सात कट्टर माओवादी ढेर हो गए।

इस बार खास बात यह रही कि खुद माओवादी संगठन ने अपने नुक़सान को सार्वजनिक करते हुए एक प्रेस बयान के माध्यम से स्वीकार किया कि उनके वरिष्ठ कैडर—जिनमें केंद्रीय समिति सदस्य और राज्य स्तरीय नेतृत्व शामिल था—मुठभेड़ में मारे (Maoist Encounter Bastar)गए। यह एक असाधारण घटनाक्रम है, क्योंकि उग्रवादियों की ओर से इस प्रकार की स्वीकारोक्ति बेहद दुर्लभ मानी जाती है।

जंगल की चुप्पी में गूंजती गोलियों की आवाज ने इस बार सिर्फ जानें नहीं लीं, बल्कि एक संगठित हिंसा प्रणाली की हिम्मत को भी तोड़ (Maoist Encounter Bastar)दिया। तीन दिनों तक चला यह सुनियोजित ऑपरेशन आतंक के विरुद्ध राज्य की प्रतिबद्धता और खुफिया तंत्र की सफलता का उदाहरण बनकर उभरा है।

स्थानीय लोगों में भी राहत की भावना देखी जा रही है, जो लंबे समय से जंगलों के बीच भय और अस्थिरता के माहौल में जीने को मजबूर थे। यह कार्रवाई केवल भौगोलिक नियंत्रण नहीं, बल्कि वैचारिक मोर्चे पर भी माओवाद को मिली बड़ी शिकस्त मानी जा रही है।

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