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Manoranjan : धर्मेंद्र की इस फिल्म को बनाने ‘अनुपमा’ के पिता को बेचना पड़ा था घर

Manoranjan: Anupama's father had to sell the house to make Dharmendra's film

Manoranjan

नई दिल्ली। Manoranjan : रूपाली गांगुली टीवी की मशहूर अभिनेत्रियों में से एक हैं। एक्टिंग के अलावा वह अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहती हैं। रूपाली गांगुली ने अब अपने पिता के संघर्षों को लेकर खास खुलासा किया है। उनके पिता अनिल गांगुली एक मशहूर फिल्मकार थे। उन्होंने बॉलीवुड के कई बड़े कलाकारों के साथ काम किया था, लेकिन अभिनेता धर्मेंद्र की फिल्म दुश्मन देवता को करते वक्त उन्हें अपना घर तक बेचना पड़ा था।

इस फिल्म (Manoranjan) में धर्मेंद्र के साथ डिंपल कपाड़िया, आदित्य पंचोली और सोनम जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म को बनाने की देरी के चलते रूपाली गांगुली के पिता को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। फिल्म दुश्मन देवता बनने में करीब चार साल लग गए थे, जिसके चले अनिल गांगुली को यह नुकसान हुआ और उन्हें अपना घर बेचना पड़ा था। रूपाली गांगुली ने हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट पिंकविला से बात की।

इस दौरान उन्होंने अपने करियर के अलावा निजी जिंदगी को लेकर भी ढेर सारी बातें कीं। रूपाली गांगुली ने कहा, ‘फिल्में बनाने के लिए लोग अपने घर बेचते थे। जब कोई फिल्म फ्लॉप होती है तो आप घर बेचते हैं, जैसे हमारे साथ हुआ। पिता ने धर्मेंद्र के साथ फिल्म बनाई थी। जब इसे पूरा होने में तीन से चार साल लग गए क्योंकि पिता की यूएसपी फिल्में को तेजी से बना रही थी।’

अभिनेत्री ने आगे कहा, ‘साहेब (1985) को 40 दिन में बनाया गया था। इसका फिल्म सिटी में ही सेट था। हम छुट्टियों में स्कूल के बाद सेट पर जाया करते थे। हमें शॉर्ट में अलग से खड़ा करने के लिए बुलाया जाता था, लेकिन धर्मेंद्र की यह फिल्म चार साल तक बनती रही, जिससे परिवार को भारी नुकसान हुआ। लेकिन यह ठीक है, जो ऊपर जाता है उसे नीचे भी आना पड़ता है।’

रूपाली गांगुली (Manoranjan) ने कहा, ‘हमारी मध्यम वर्ग की परवरिश थी क्योंकि मुझे लगता है कि मेरे पिता ने बहुत संघर्ष किया था। वह कोलकाता से भागकर मुंबई आए थे, और फुटपाथ पर ही रहे थे। उन्होंने जगजीत सिंह के साथ अपना कमरा शेयर किया और वे सभी एक साथ संघर्ष कर रहे थे। मेरे पिता ने काफी मुश्किलों का सामना किया था।’ इसके अलावा रूपाली गांगुली ने और भी ढेर सारी बातें कीं।

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