नई दिल्ली। Manipur Violence Case: मणिपुर हिंसा मामले पर देशभर में गुस्सा जताया जा रहा है। विपक्ष बेहद आक्रामक हो गया है और सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला जा रहा है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है और सरकार पर दबाव बनाया है। जानकारी मिली है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई रद्द कर दी गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक, मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करने की घटना से देश हिल गया है। इस घटना के बाद देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मसले पर गौर कर रहा है और मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी। हालांकि ये सुनवाई रद्द कर दी गई है।
वास्तव में कारण क्या है?
मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सुनवाई मनोज मिश्रा की बेंच के सामने होनी थी। लेकिन चूंकि मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए उनकी पीठ के समक्ष सुनवाई नहीं हो सकेगी। इसलिए मणिपुर मामले पर शुक्रवार को होने वाली सुनवाई रद्द कर दी गई है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करने के मामले पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था। इस मामले पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? ये सवाल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा था।
मणिपुर वीडियो मामले पर सुनवाई से एक दिन पहले गुरुवार को केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। राज्य सरकार की सहमति के बाद केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया है।
इस मामले की जांच तेजी से होना जरूरी है। साथ ही केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच राज्य से बाहर करने की इजाजत भी दे दी है। इस हलफनामे में केंद्र सरकार ने अपील की है कि ट्रायल कोर्ट को भी आरोप पत्र दाखिल होने के छह महीने के भीतर फैसला देने का निर्देश दिया जाए।