-मणिपुर में फिर से हिंसा भड़क गई है, कुकी और मैतेई समुदाय कई जगहों पर सड़कों पर उतर आए हैं
इंफाल। Amit Shah on Manipur Violence: मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है। राज्य के जिरीबाम में उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के बाद उग्रवादियों ने 6 लोगों का अपहरण कर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। इसके चलते इलाके में स्थानीय लोग जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई मंत्रियों के घरों पर हमले हुए और प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के घर पर भी हमला करने की कोशिश की।
कुकी उग्रवादियों द्वारा एक ही परिवार के छह सदस्यों की बेरहमी से हत्या के बाद गुस्साए मैतेई समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। वे लगातार हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी ओर कुकी समुदाय 11 नवंबर की मुठभेड़ को फर्जी बता रहा है।
अब क्या स्थिति है?
मणिपुर में मौजूदा हालात एक बार फिर पहले जैसे ही हैं। राज्य के कई हिस्से हिंसा की चपेट में हैं। एक तरफ कुकी समुदाय के लोग अपनी मांगों को लेकर हिंसा का सहारा ले रहे हैं तो दूसरी तरफ मैती समुदाय एक ही परिवार के छह सदस्यों की हत्या के मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आया है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए मणिपुर में सभी स्कूल 19 नवंबर को बंद कर दिए गए हैं और इंटरनेट सेवाएं पहले से ही बंद हैं।
नई चुनौती क्या है?
कुकी समुदाय के लोग हिंसा (Amit Shah on Manipur Violence) में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को चुरचांदपुर में भी सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। कुकी संगठनों ने यह भी दावा किया है कि मरने वाले उग्रवादी नहीं बल्कि ग्रामीण स्वयंसेवक थे। इस बीच कुकी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली मुख्य संस्था इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने कहा है कि केंद्रीय पुलिस बल की गोलीबारी में मारे गए 10 कुकी युवाओं का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। दूसरी ओर, मैतेई समुदाय भी सड़कों पर उतर आया है और एक ही परिवार के 6 सदस्यों का अपहरण करने और बाद में उनकी हत्या करने वाले कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होने पर बड़े आंदोलन की धमकी दी है।
गृह मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (नवंबर 18, 2024) को लगातार दूसरे दिन मणिपुर में सुरक्षा स्थिति और वहां सुरक्षा बलों की तैनाती की समीक्षा की। शाह ने शीर्ष अधिकारियों को सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित राज्य में जल्द से जल्द शांति और व्यवस्था बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।
केंद्र सरकार ने मणिपुर में हालात पर काबू पाने के लिए सीएपीएफ की 50 और कंपनियां भेजने का फैसला किया है। इस प्रकार अब राज्य में सीएपीएफ की कुल 268 कंपनियां तैनात होने जा रही हैं। यानी राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों की संख्या बढ़कर 26,800 हो जाएगी। इन 50 कंपनियों में सबसे बड़ी संख्या सीआरपीएफ की कंपनियों की होगी, जबकि बाकी कंपनियां बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों की होंगी।
सरकार के क्या प्रयास हैं?
मणिपुर में हिंसा पर लगाम लगाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार अलग-अलग प्रयास कर रही हैं। राज्य सरकार ने हिंसा प्रभावित सात जिलों में अगले दो दिनों के लिए इंटरनेट बंद करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने यहां सीएपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनियां भेजने का फैसला किया है। लोगों से शांति की अपील भी की जा रही है।