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Manendragarh News : वनों को लैंटाना से बचाने लाखों डकार कर कागजों में किया झाडिय़ों का सफाया!, एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप-प्रत्यारोप

मनेन्द्रगढ़/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ वन मंडल में वनों को लैंटाना से बचाने के लिए जारी लाखों रुपए डकार कर कागजों में झाडिय़ों का सफाया कर दिया। वन विभाग के अफसर कागजों में उन्मूलन कार्यो को अंजाम देकर लाखों रूपए के वारे-न्यारे कर (Manendragarh News) चुके।  वहीं अब एक-दूसरे पर आरोप लगाकर पल्ला झाडऩे में लगे हैं।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2019-20, 2020-2021 और 2022-23 के मध्य लैंटाना उन्मूलन के नाम पर करोड़ों की स्वीकृति शासन से हुई थी। इसी कड़ी में मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के मनेन्द्रगढ़ व बिहारपुर रेंज में लेंटाना उन्मूलन के लिए कैम्पा मद से वर्ष 2022/23 में जुलाई माह में लैंटाना उन्मूलन द्वितीय व तृतीय  कार्य के नाम पर करीब  38 करोड़ 14 लाख 4 हजार 577 रुपए जारी की गई थी।

इस राशि से महज लाखों रुपए खर्च कर दोनों रेंज के पूर्व अधिकारी ने महज तीन माह में अपने उच्च अधिकारी के संरक्षण में  लैंटाना का कथित तौर पर उन्मूलन कर दिया और बाकी राशि कागजों में काम दर्शाकर हड़प कर (Manendragarh News) ली।

जबकि वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जब जुलाई में राशि का आबंटन हुआ है जिसमें तीन माह वर्षा के होते हैं। ऐसे में तीन माह में कार्य करना संभव नहीं। बता दें कि लैंटाना तो एक ऐसा पौधा है जो कभी खत्म नहीं हो सकता, लेकिन उसकी आड़ में सरकारी धन की बंदरबांट जरूर हो रही है।

लैंटाना वनों के लिए कैंसर : मनेन्द्रगढ़ वनण्मडल के साथ-साथ दूसरे वन मंडल कोरिया व गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान  भी इस घोटाला में संलिप्त है। लैंटाना झाडिय़ों को सफाया कर पौधों का विकास मार्ग प्रशस्त करना है, लेकिन मनेन्द्रगढ़ के जंगल में ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

जानकारी के अनुसार लैंटाना कंटीली प्रजाति की झाड़ी है। इसे वनों का कैंसर माना जाता (Manendragarh News) है। यह पौधों के लिए काफी नुकसानदायक होता है। वन क्षेत्रों में इसका फैलाव होने पर पौधों का विकास रुक जाता है।

पौधों के बेहतर विकास के लिए लैंटाना झाडिय़ों का सफाया अभियान चलाया जाता है, जिसे जड़ों से काटकर जलाने या गड्ढा खोदकर नष्ट करने की प्रक्रिया है, लेकिन विभाग के द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया गया। सिर्फ  खानापूर्ति कर राशि की बंदरबांट कर ली गई।

ग्राउंड पर कोई काम नहीं : नवप्रदेश की टीम को उपर्युक्त वन क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि लैंटाना उखाडऩे का कोई काम नहीं हुआ है। जबकि पूरी राशि  नगद आहरण कर लिया गया। वहीं मजदूरी खाते में जिन्होंने कार्य नहीं किया उन्हें भी भुगतान कर दिया गया।

इसका भुगतान प्रक्रिया भी वन वित्तीय सहिंता के विरुद्ध वनमंडलाधिकारी ने भ्रष्टाचार को अंजाम देने अपने खास चहेते रिटायर्ड  प्रभारी रेंजर हीरालाल सेन  व संख मुनि पाण्डेय को फ ॉरेस्ट एडवांस कर दिया गया। इस मामले में डीएफ ओ व एसडीओ की भूमिका भी संदिग्ध  है। आखिरकार एक अधिकारी के  रिटायर्ड होने से पूर्व इतनी जल्दबाजी क्यों?

एक-दूसरे पर थोप रहे : जब इस संबंध में वर्तमान मनेन्द्रगढ़ प्रभारी आरएस कुर्रेे व बिहारपुर के प्रभारी अधिकारी लवकुश पाण्डेय  से जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि यह कार्य मेरे प्रभार ग्रहण करने से पूर्व का है। इस संबंध में डीएफ ओ व एसडीओ ही बता पायेंगे।

वहीं डीएफ ओ लोकनाथ पटेल से जानकारी चाही तो उन्होंने फोन व मैसेज के द्वारा सूचित करने के बावजूद भी जवाब देना उचित नहीं समझा। वहीं एसडीओ ने रिटायर्ड अधिकारी पर पल्ला झाड़ कर अपनी जवाबदेही से बचते नजर आए।

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