रायपुर/नवप्रदेश। Malaria Free CG : मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का छटवां चरण आज से बस्तर संभाग में शुरू किया गया। अभियान के तहत इस बार मलेरिया के साथ-साथ टीबी, मोतियाबिंद और स्केबीज की भी जांच की जाएगी और पीड़ितों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
35 लाख से अधिक लोगों की जांच का लक्ष्य
राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा बस्तर संभाग के सभी सात आकांक्षी जिलों के सभी 32 विकासखंडों में 16 जून तक यह अभियान संचालित किया जाएगा। इस दौरान 35 लाख से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर मलेरिया, टीबी, मोतियाबिंद और स्केबीज की स्क्रीनिंग की जाएगी।
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान (Malaria Free CG) के अंतर्गत घर-घर जाकर जांच के लिए गठित दलों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों, मितानिन प्रशिक्षकों, सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी), मितानिनों एवं टीबी मितानों को शामिल किया गया है। अभियान के तहत आरडी किट के माध्यम से मलेरिया की जांच की जा रही है।
पॉजिटिव पाए जा रहे लोगों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध खाद्य पदार्थ खिलाकर तत्काल मलेरिया के इलाज के लिए दवाई का सेवन कराया जा रहा है। टीबी के लक्षणों के आधार पर संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है तथा इसकी दवाई लेने वाले मरीजों की लाइन लिस्ट भी तैयार की जा रही है। टीबी के संदेहास्पद मरीजों के बलगम की जांच वालंटियर के माध्यम से निकटतम टेस्टिंग सेंटर में करवाई जाएगी। टीबी पॉजिटिव पाए जाने पर एनटीईपी (National Tuberculosis Eradication Program) स्टॉफ के सहयोग से मरीज का त्वरित उपचार प्रारंभ किया जाएगा।
मलेरिया पॉजिटिविटी दर घटकर पहुंची0.79 पर
अभियान के अंतर्गत मोतियाबिंद के संदेहास्पद मरीजों की जांच एवं उनके बारे में जानकारी एकत्रित कर संबंधित सुपरवाइजर के माध्यम से खंड चिकित्सा अधिकारी को दी जाएगी। स्केबीज के भी संदेहास्पद मरीजों की जांचकर तत्काल उपचार प्रदान किया जाएगा। इसके रोगियों की सूची भी तैयार की जाएगी। जांच दलों द्वारा स्केबीज बीमारी के लक्षणों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित बस्तर संभाग में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पहले पांच चरणों का व्यापक असर दिखा है। पूर्व में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के नाम से संचालित इस अभियान के प्रभाव से वहां एपीआई (Annual Parasite Incidence) यानि प्रति एक हजार की आबादी में सालाना मिलने वाले मलेरिया के मरीजों की संख्या में बड़ी कमी आई है। अभियान के प्रथम चरण में जहां मलेरिया पाजिटिविटी दर 4.6 थी वह घटकर पांचवें चरण में 0.79 रह गई है।
क्रमश चला अभियान
जनवरी-फरवरी-2020 में बस्तर संभाग के सातों आकांक्षी जिलों में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का पहला चरण संचालित किया गया था। उसी साल जून-जुलाई में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का दूसरा चरण संचालित किया गया। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की सफलता को देखते हुए इसका तृतीय चरण दिसम्बर-2020 व जनवरी-2021 में बस्तर संभाग के साथ-साथ सरगुजा संभाग के 26 विकासखण्डों में भी संचालित किया गया।
चतुर्थ चरण में बस्तर और सरगुजा संभाग के साथ प्रदेश के 21 जिलों के 85 विकासखण्डों तक इसे विस्तारित किया गया। अभियान का पंचम चरण बस्तर संभाग के सभी सातों जिलों में संचालित किया गया। अभियान से मलेरिया उन्मूलन के साथ ही एनीमिया और कुपोषण को खत्म करने तथा शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिल रही है।
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान (Malaria Free CG) के पहले चरण में बस्तर संभाग में घर-घर जाकर 14 लाख छह हजार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हजार, तीसरे चरण में 15 लाख 70 हजार, चौथे चरण में 19 लाख 98 हजार एवं पांचवें चरण में 14 लाख 36 हजार लोगों की मलेरिया जांच की गई है।