मुंबई/नवप्रदेश। Maharashtra : एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल खत्म नहीं हुई। मंत्रालय के विभागों का बंटवारा होना अभी बाकी है, लेकिन अटकलों का बाजार काफी गर्म है।
प्रदेश बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, नया सीएम बनने के चंद घंटे पहले तक किसी को नहीं पता था कि शिंदे की ताजपोशी होने वाली है, क्योंकि सभी को सीएम की कुर्सी देवेंद्र फडणवीस मिल जाएगी, इसकी उम्मीद थी, लेकिन आखिरी वक्त में इस तरह पासा बदलेगा किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था। खैर, अब जबकि एकनाथ शिंदे ने कल नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, इसके साथ ही सभी अटकलों का अंत होना तय है, लेकिन अब मंत्रालय के बंटवारे को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल है।
मंत्रालय के बंटवारा के समय दोनों विवाद की संभावना
भारतीय जनता पार्टी (Maharashtra) ने भले ही एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद सौंप दिया हो लेकिन मंत्रालय के कुछ अहम विभाग अपने नियंत्रण में रख सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार मंत्रालय के बंटवारा के समय दोनों पक्षों में विवाद होने की भी संभावना है क्योंकि कुछ मंत्रालय ऐसे हैं जिसे शिंदे कभी नहीं छोड़ना चाहेंगे। हालांकि कैबिनेट गठन के वक्त ही इस पर अंतिम निर्णय होगा।
गृह मंत्रालय बन सकता है विवाद की जड़
गृह मंत्रालय भाजपा और शिंदे खेमे के बीच विवाद की जड़ हो सकता है। अब यह देखना होगा कि क्या शिंदे भाजपा को गृह विभाग देने के लिए सहमत होते हैं या नहीं। बता दें कि फडणवीस ने अपनी सरकार के पांच साल तक विभाग को संभाला और पुलिस बल पर उनकी पूरी कमान थी।
भाजपा ये अहम विभाग अपने पास रखेगी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सत्ता-साझाकरण फॉर्मूला और समझौते को अंतिम रूप दिया गया था। एकनाथ शिंदे गुट को 15 मंत्री पद मिलने की संभावना है, जबकि भाजपा को गृह, वित्त, कृषि, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, स्कूली शिक्षा और पर्यावरण जैसे प्रमुख विभाग मिलने की उम्मीद है। इन विभागों को रख कर भाजपा यह सुनिश्चित करना चाहेगी कि विकास संबंधी कार्य उसके द्वारा संचालित हों। दरअसल, सरकार के पहले फैसलों में आरे में मेट्रो कार शेड बनाने के ठाकरे के फैसले को वापस लेना भी शामिल है, जो भाजपा सरकार की छाप का स्पष्ट संकेत है।
शिंदे को असंतोष से बचने के लिए कुछ नए चेहरों को शामिल करना होगा
शिंदे को असंतोष (Maharashtra) से बचने के लिए कुछ नए चेहरों को शामिल करने के अलावा उन सभी को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करना होगा। इसका मतलब है कि उन्हें राज्य के मंत्रियों सहित कम से कम 15 विभाग प्राप्त करने होंगे। महाराष्ट्र कैबिनेट में सीएम समेत 43 विभाग हैं। उद्धव ठाकरे के विपरीत, जिनके पास कोई विभाग नहीं था, शिंदे के शहरी विकास विभाग को अपने पास रखने की संभावना है।