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फिर सुप्रीम कोर्ट आएगा सत्ता संघर्ष, फडणवीस ही ‘बने रहेंगे’ सीएम, ये रही वजह

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udhav thackeray

नई दिल्ली/नवप्रदेश। महाराष्ट्र (maharashtra) की सियासी जंग (power conflict) एक बार फिर (again) सुप्रीम कोर्ट आ सकती है (to come supreme court) और फडणवीस कुछ दिन और सीएम बने रहेंगे। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र (maharashtra) में फडणवीस सरकार का टिकना मुश्किल हो गया है। लेकिन अब भी बाजी पूरी तरह सेना-एनसीपी-कांग्रेस के हाथ में नहीं आई है।

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कल होने वाले फ्लोर टेस्ट के लिए प्रोटेम स्पीकर चुनने का अधिकार राज्यपाल के पास हैं। और प्रोटेम स्पीकर के पास ये अधिकार होगा कि वे किसे एनसीपी के विधायक दल का नेता मानते हैं। प्रोटेम स्पीकर द्वारा माने गए नेता को ही विधायकों को व्हिप जारी करने का अधिकार होगा।

फिलहाल एनसीपी के बागी नेता  अजित पवार खुद को एनसीपी विधायक दल का नेता मान रहे हैं और भाजपा की नजर में भी जैसा होना चाहिए नेता  वे ही हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि राज्यपाल प्रोटेम स्पीकर चुनने में बड़े दल को प्राथमिकता देंगे बनस्बत कि वरिष्ठ सदस्य के। ऐसे  में भाजपा सदस्य का प्रोटेम स्पीकर बनना तय है। और वो प्रोटेम स्पीकर अजित पवार को एनसीपी विधायक दल का नेता मानेंगे। ऐसे में व्हिप जारी करने का अधिकार अजित के पास होगा। अजित जो कहेंगे वो विधायकों को करना होगा।

आ सकते हैं दो-दो व्हिप

चूंकि एनसीपी विधायक शरद पवार के साथ हैं वे अजित की बात नहीं मानेंगे। नए बने एनसीपी विधायक दल के  नेता भी व्हिप जारी करेंगे।  यानी दो- दो व्हिप। ऐसे में भाजपा इस मुद्दे को कानूनी संघर्ष की शक्ल देकर  सुप्रीम कोर्ट घसीट सकती है। यानी महाराष्ट्र का सत्ता संघर्ष (power conflict) एब बार फिर (again) सुप्रीम कोर्ट पहुंचेगा (to come supreme court) और फडणवीस कुछ दिन ओर सीएम बने रहेंगे।

गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि फडणवीस सरकार को बुधवार को ही शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा।

 

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