महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा के हालिया कदम से विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद का समीकरण उलझ गया है (Maharashtra politics)। विधानसभा में शिवसेना (उद्धव) के पास आवश्यक संख्याबल ना होने की वजह से बीते एक वर्ष से विपक्ष के नेता का पद खाली है। अब कांग्रेस की विधायक प्रज्ञा सातव के इस्तीफे के बाद विधान परिषद में कांग्रेस का संख्याबल घटकर 6 रह गया है।
शिवसेना (उद्धव) के भी 6 ही विधायक हैं, जिससे विपक्ष के नेता पद के लिए कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) के बीच खींचतान बढ़ सकती है (Maharashtra politics)। हालांकि दोनों दल महाविकास आघाड़ी के घटक हैं और शिवसेना (उद्धव) विधानसभा में विपक्ष के नेता पद का दावा पहले ही कर चुकी है। इस कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शिवसेना (उद्धव) विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद के लिए कांग्रेस को समर्थन देने पर सहमत हो सकती है।
फिलहाल विधान परिषद में किसी भी दल के पास आवश्यक संख्या बल नहीं है। परिषद में कुल 78 विधायक हैं और नियमों के अनुसार विपक्ष के नेता पद के लिए किसी दल के पास कम से कम 10 प्रतिशत यानी 8 विधायक होना जरूरी है (Maharashtra politics)। इस समय कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) दोनों इस मानक से नीचे हैं। इसलिए विपक्ष को नेता प्रतिपक्ष पद के लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है।
नए साल 2026 की शुरुआत में विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव होने के बाद यदि विपक्ष का संख्याबल बढ़ता है तो महाविकास आघाड़ी के लिए विपक्ष के नेता पद का रास्ता साफ हो सकता है।
कांग्रेस ने पाटील को नेता प्रतिपक्ष बनाने की थी तैयारी
नागपुर शीतकालीन सत्र के दौरान महाविकास आघाड़ी ने विधान परिषद में कांग्रेस विधायक दल नेता सतेज पाटील को नेता प्रतिपक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा था। इसके लिए सभापति राम शिंदे को पत्र सौंपकर अनुरोध किया गया था। उस समय कांग्रेस के पास शिवसेना (उद्धव) से एक विधायक अधिक थे, मगर प्रज्ञा सातव के इस्तीफे से दोनों की संख्या बराबर हो गई है। वहीं सभापति ने स्पष्ट किया था कि वे इस मामले पर उचित समय पर फैसला लेंगे।
विप में दलवार संख्याबल
पार्टी विधायक
भाजपा 22
शिवसेना (शिंदे) 7
राकांपा (अजित) 8
कांग्रेस 6
शिवसेना (उद्धव) 6
राकांपा (शरद) 3
निर्दलीय 3
रिक्त 23
कुल सीटें 78

