मुंबई/नवप्रदेश। Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की स्थिति इस समय बेहद नाजुक दौर से गुजर रही है। खबर है कि उद्धव ठाकरे को एक और झटका लग सकता है। दरअसल, आज शिवसेना सांसदों की एक बैठक में सिर्फ 10 सांसद ही पहुंचे थे
दरअसल, बीते दिनों शिवसेना के 40 विधायक बगावत करने के बाद एकनाथ शिंदे के साथ हो लिए थे। इसके बाद महाराष्ट्र में उद्धव सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे ने राज्य के नए मुख्यमंत्री (Maharashtra Politics) के रूप में शपथ ग्रहण की।
बैठक में पहुंचे 19 विधायकों में से महज 10 सांसद
गौरतलब है कि, ठाकरे ने आज राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शिवसेना सांसदों की बैठक बुलाई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19 विधायकों में सिर्फ 10 सांसद ही बैठक में पहुंचे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अन्य विधायक जल्द ही शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले ही खबर आ चुकी है कि शिवसेना के कई सांसद शिंदे गुट के संपर्क में हैं। वहीं ठाणे व नवी मुंबई के कई पार्षद भी शिंदे का समर्थन कर चुके हैं।
उद्धव ने समर्थन करने वालों का जताया आभार
उधर, उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में विधायकों की बगावत के बाद सुप्रीम कोर्ट में समर्थन देने वाले बचे 15 विधायकों को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से इन विधायकों का आभार जताया और कहा- ‘कठिन समय में आपके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।’
यह शिंदे नहीं बल्कि लोकतंत्र के अस्तित्व का सवाल है : संजय राउत
वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने मीडिया के सामने कहा कि उनकी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। एकनाथ शिंदे सरकार पर हुए सवाल के जवाब में राउत ने कहा, यह सिर्फ शिंदे के अस्तित्व का सवाल नहीं है बल्कि लोकतंत्र के अस्तित्व का भी सवाल है। उन्होंने कहा, यह स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका की भी परीक्षा है।
उन्होंने कहा, महाराष्ट्र (Maharashtra Politics) में एक सरकार को जिस तरह से थोपा गया, वह पूरी तरह से अवैध है। यह सरकार संविधान के मुताबिक नहीं बनी है। इसके लिए राजभवन और राज्य विधानसभा का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने कहा, यहां यह विधायकों के अयोग्य होने का मुद्दा है। सर्वोच्च न्यायालय में एक फैसला हो रहा है, उससे पता चलेगा कि देश में संविधान, कानून है या उसकी हत्या हो चुकी है।