मुंबई/नवप्रदेश। Maharashtra Crisis : महाराष्ट्र की राजनीतिक उथल-पुथल अब एक निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रही है। एक तरफ बीजेपी सरकार बनाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ शिंदे गुट के विधायक भी गुवाहाटी होटल से निकल चुके हैं।
राज्यपाल ने बुलाया विशेष सत्र
सियासी संकट (Maharashtra Crisis) के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया है। बताया जा रहा है कि इस दौरान फ्लोर टेस्ट भी कराया जाएगा, जिसमें उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करना होगा। इस बीच एकनाथ शिंदे गुट के सभी विधायक कल सुबह मुंबई पहुंच रहे हैं। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
फडणवीस ने बुलाई बैठक
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने मंगलवार शाम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात भी की थी। वहीं फ्लोर टेस्ट के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। इस बीच भाजपा नेता व पूर्व मुख्मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज दोपहर अपने घर पर भाजपा नेताओं की बैठक बुलाई है। दूसरी और बहुमत परीक्षण से पहले शिंदे गुट के विधायक स्पाइस जेट के विमान से गुवाहाटी से गोवा के लिए रवाना होंगे। गोवा के एक होटल में इन विधायकों के लिए 70 कमरे बुक कराए गए हैं।
शाम पांच बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
30 जून को विधानसभा में बहुमत साबित करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए राजी हो गया है। आज शाम पांच बजे शिवसेना की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई होगी। दरअसल, राज्यपाल ने उद्धव सरकार को कल विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान बहुमत साबित करने का आदेश दिया था। जबकि, उद्धव गुट का कहना है कि बहुमत परीक्षण अवैध है। शिवसेना की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका दायर की थी।
शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने 30 जून को सदन के पटल पर अपना बहुमत समर्थन साबित करने के लिए और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्देश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। वहीं शीर्ष अदालत याचिका को मंजूर करते हुए सुनवाई के लिए तैयार हो गई है।
शिवसेना (Maharashtra Crisis) सांसद संजय राउत ने कहा है कि राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। यह एक गैरकानूनी है क्योंकि हमारे 16 विधायकों की अयोग्यता का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।