मुंबई/नवप्रदेश। महाराष्ट्र (maharashtra) में अब कांग्रेस (congress) व एनसीपी (ncp) के कुछ विधायक (mla) टूट सकते हैं (sabotage)। यानी वे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार को समर्थन कर सकते हैं।
क्योंकि उपमुख्यमंत्री बनने के तीसरे ही दिन अजित पवार (ajit pawar) के खिलाफ सिंचाई घोटाले में दर्ज नौ मामलों (cases) में उन्हेंं क्लीनचिट मिल गई है। महाराष्ट्र सरकार ने अजित पवार के खिलाफ सिंचाई घोटाले में दर्ज सभी नौ मामले खत्म कर दिए (quashed) हैं।
फडणवीस सरकार के इस फैसले के पीछे कई मायने हैं। इससे शायद एनसीपी (ncp) व कांग्रेस (congress) के उन विधायको को संदेश जा सकता है, जो कहीं न कहीं जांच के दायरे में हैं या जिनके खिलाफ कोर्ट में मामला चल रहा है।
ये नेता मान सकते हैं कि जैसे अजित पवार (ajit pawar) के खिलाफ मामले (cases) खत्म हो गए हैं (quashed) वैसे ही उनके खिलाफ भी मामले खत्म हो सकते हैं। भाजपा को इस दांव से बड़ी सफलता मिल सकती है। एनसीपी ही नहीं कांग्रेस व शिवसेना के कुछ विधायक (mla) भी टूट सकते हैं (sabotage)। फिर चाहे बाद में भाजपा सरकार ऐसा करे या न करे।
ये आशंका इसलिए हैं क्योंकि महाराष्ट्र एसीबी बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर अपने शपथपत्र में कह चुकी है कि सिंचाई घोटोले के लिए तत्कालीन जलसंसाधन मंत्री अजित पवार ही जिम्मेदार है। इसी आधार पर महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं ने भी कहा था कि अब अजित पवार जेल में होंगे।
हालांकि मीडिया में अजित पवार के खिलाफ केस खत्म किए जाने संबंधी खबरें आने के बाद महाराष्ट्र एसीबी ने स्पष्ट कर दिया कि जिन नौ मामलों को बंद किया गया है उनका अजित पवार से कोई संबंध नहीं है।
विपक्ष के माथे पर खिंच गई चिंता की लकीरें
बहरहाल देश के प्रतिष्ठित टीवी चैनलों पर चली इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरी। असर ये हुआ कि सरकार बनाने की कवायद में जुटे विपक्षी दलों की ओर से तुरंत तीखी प्रतिक्रिया आने लगीं। विपक्षी दलों के माथे पर चिंता की लकीरें ङ्क्षखच गईं- कहीं ऐसा वास्तव में हो ही गया तो।….