मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में कहा कि बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले सभी श्रद्धालु सिर्फ हमारे मेहमान नहीं, बल्कि स्वयं महाकाल के अतिथि हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि श्रद्धालुओं के सत्कार में संवेदना और आत्मीयता (Mahakal Ujjain Sanganak Mela 2026) होनी चाहिए। बीते तीन-चार दिनों में 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन नगरी केवल भारत ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण विश्व की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र (Mahakal Ujjain Sanganak Mela 2026) बनी हुई है। सरकार, प्रशासन और समाज मिलकर सिंहस्थ-2028 को भव्य, दिव्य और सुरक्षित आयोजन बनाएंगे।
129 करोड़ रुपए के 12 विकास कार्यों का लोकार्पण
डॉ. यादव ने नानाखेड़ा स्टेडियम में लगभग 129 करोड़ रुपए लागत के 12 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें प्रमुख पहलें युवाओं के लिए प्रोजेक्ट स्वाध्याय (Coding for All), UtkarshUjjain.com पोर्टल और कौशल सेतु इंडस्ट्री-लीड स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पहलों से उज्जैन के युवा न केवल पढ़ाई तक सीमित रहेंगे, बल्कि नौकरी-रेडी, स्टार्टअप-रेडी और फ्यूचर-रेडी बनेंगे।
शहरी विकास और आधुनिक सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने उज्जैन के पुराने हॉकी स्टेडियम में आधुनिक एस्ट्रोटर्फ लगाने की घोषणा की। चिंतामण गणेश स्टेशन को मुख्य स्टेशन और मोहनपुरा में नया रेलवे स्टेशन विकसित किया जाएगा। उज्जैन में निर्माणाधीन एयरपोर्ट से श्रद्धालु सीधे पहुंच सकेंगे। शनि लोक परियोजना के लिए 140 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
सिंहस्थ-2028 को देखते हुए 2675 करोड़ रुपए लागत से 33 प्रमुख कार्य मंजूर किए गए हैं। फोर लेन और सिक्स लेन मार्गों के निर्माण से मेला क्षेत्र की निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाएगी। मेडिकल टूरिज्म हब और आधुनिक मेडिसिटी निर्माणाधीन हैं।
मुख्यमंत्री की अपील
डॉ. यादव ने उज्जैनवासियों से अपील की कि सिंहस्थ के दौरान देश-दुनिया के आगंतुकों की खुले दिल से मदद करें। उन्होंने स्वयंसेवकों की सूची तैयार करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए। उन्होंने उज्जैन के वैदिक घड़ी और शहर के ऐतिहासिक विरासत संरक्षण पर भी जोर दिया।
उज्जैन के लोकसभा सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शहर की दशा और दिशा बदल रही है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सड़कें चौड़ी हो रही हैं, किसानों को भावांतर और फसल बीमा की राशि मिल रही है।

