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Mahakal Bhasma Aarti Booking : 31 दिसंबर… महाकाल में यह सुविधा भोलेनाथ के भक्तों के लिए रहेगी बंद…!

Mahakal Bhasma Aarti Booking

Mahakal Bhasma Aarti Booking

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर उज्जैन में नए साल की भारी भीड़ को देखते हुए 31 दिसंबर को भस्म आरती की आफलाइन बुकिंग (Mahakal Bhasma Aarti Booking) पूरी तरह बंद रहेगी। मंदिर प्रशासन द्वारा दर्शन व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखने के लिए 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक आनलाइन बुकिंग पहले से ही ब्लाक कर दी गई है। इस अवधि में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष चलायमान दर्शन व्यवस्था के तहत भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे।

कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने बताया कि अंग्रेजी नववर्ष 2026 के अवसर पर महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या असामान्य रूप से बढ़ने की संभावना रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने भस्म आरती की आफलाइन बुकिंग (Mahakal Bhasma Aarti Booking) 31 दिसंबर को बंद रखने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही 1 जनवरी को भी भस्म आरती के दौरान सीमित संख्या में ही दर्शन संभव होंगे।

श्रद्धालुओं को 31 दिसंबर और 1 जनवरी को सुबह 4 बजकर 15 मिनट से कार्तिकेय मंडपम से चलायमान दर्शन कराए जाएंगे। यह व्यवस्था भस्म आरती के समय से ही लागू रहेगी, ताकि दर्शनार्थियों को नियंत्रित तरीके से मंदिर परिसर में प्रवेश कराया जा सके। भस्म आरती संपन्न होने के बाद सामान्य दर्शन की प्रक्रिया शुरू होगी।

प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सामान्य दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को चारधाम मंदिर से शक्तिपथ होते हुए त्रिवेणी संग्रहालय द्वार से महाकाल महालोक के रास्ते मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को आपातकालीन निर्गम द्वार से बाहर निकाला जाएगा। इसके बाद बड़ा गणेश मंदिर और हरसिद्धि चौराहा होते हुए श्रद्धालु पुनः चारधाम मंदिर पहुंच सकेंगे।

मंदिर प्रशासन का कहना है कि यह संपूर्ण व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुगम दर्शन और अव्यवस्था से बचने के उद्देश्य से बनाई गई है। नए साल के दौरान प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचते हैं, ऐसे में आफलाइन और आनलाइन बुकिंग पर रोक लगाकर भीड़ नियंत्रण पर विशेष फोकस किया गया है।

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे तय मार्ग और समय का पालन करें तथा सुरक्षा कर्मियों के निर्देशों का सहयोग करें, ताकि सभी को शांतिपूर्वक भगवान महाकाल के दर्शन मिल सकें।

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