रायपुर/नवप्रदेश। Gobar Kharidi : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत गोबर खरीदी की शुरुआत छत्तीसगढ़ में की थी, उस समय भाजपा ने भूपेश बघेल पर जमकर निशाना साधा था,जो अब तक बरकरार है। लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया और छत्तीसगढ़ के गौपालक गोबर बेचकर अपनी आर्थिक परिस्थिति को सदुदृढ बनाया। इसे देखकर अब दूसरे राज्यों के सरकारों ने भी इसे महती योजना मान लिया है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने गोवंश पालन और उनके संरक्षण पर जोर दिया। ‘गोबर’ (Gobar Kharidi) को आर्थिक समृद्धि का माध्यम बताया। साथ ही गोवंश और गोबर को सक्षम बनाने का सूत्र निरुपित किया। अब छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अपनाइ जा रही ‘गोधन न्याय योजना’ की सराहना कुछ दिनों पहले ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। उन्होंने स्वीकार किया और उत्तर प्रदेश में गोबर से बिजली निर्माण करने की योजना पर जोर दिया। जिसके बाद यूपी में गोबर खरीदी को लेकर शासन-प्रशासन ने योजना भी तैयार कर ली है।
अब वही क्रम में मध्यप्रदेश भी चलने तैयार होता नजर आ रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी ‘गोधन न्याय योजना’ की भले खुलकर नहीं लेकिन दबी जुबान स्वीकार कर लिया है। सीएम शिवराज ने कहा कि गोवंश, गाय का गोबर और गोमूत्र से देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ और सक्षम बनाया जा सकता है।
सीएम ने भोपाल में इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन (IVA) की महिला विंग के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि गो-पालन छोटे किसानों और पशुपालकों (Gobar Kharidi) के लिए फायदे का बिजनेस कैसे बने, इस पर एक्सपर्ट्स को गंभीरता से काम करना चाहिए। सीएम शिवराज ने अपने भाषण में गाय के गोबर और मूत्र से होने वाले फायदों के बारे में बताया और कहा कि इससे कीटनाशक, खाद और बहुत कुछ बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार ने पशु फार्म और गौशाला बनाई हैं, लेकिन जब तक लोग पहल में शामिल नहीं होंगे तब तक यह मददगार नहीं होगा।”
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो गोधन न्याय योजना के तहत गौपालकों से 2 रुपए किलो में गोबर खरीद रही है। देश की अपने तरह की पहली गोधन न्याय योजना से पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और जमीन की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हो रही है। इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव दिखाई दे रहा है। साथ ही गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर शहर व गांव में रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं। अब तक सरकार करोड़ों रुपये गोबर खरीदी के एवज में गौपालकों और किसानों को दे चुकी है।