डेस्क आर्टिकल। Maa ki Aradhana : मां दुर्गा के भक्तों को उनकी आराधना करने के लिए पूरे साल शारदीय नवरात्रि का इंतजार रहता है। यह 9 दिन हर माता के भक्त के लिए बहुत विशेष होते हैं। देश भर में माता के जयकारे गूंजते हैं, रतजगों को माता की आराधना होती है, हवन और यज्ञ करके लोग माता को प्रसन्न करते हैं। इस साल भी अब ये शुभ दिन आने ही वाले हैं। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से यह व्रत शुरू होते हैं। इसे शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
आइए जानते हैं कि इस साल यह 9 दिन का उत्सव किस तारीख से शुरू हो रहा है। साथ ही जानते हैं कि व्रत और घट स्थापना का शुभ मुहूर्त और तिथि क्या है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल का शारदीय नवरात्रि बहुत विशेष है। क्योंकि इस बार नवरात्रि की शुरूआत सोमवार के दिन हो रही है। भोलेनाथ की भक्ति के साथ यह दिन चंद्र ग्रह का दिन है, इसलिए इसे पूजा-पाठ के लिए काफी शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं ऐसी मान्यता है कि जब भी नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है तब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर पधारती हैं। हाथी की सवारी से सीधा संबंध सुख सम्पन्नता से माना जाता है। इसलिए यह नवरात्रि का त्योहार विश्वभर शांति और सुख लेकर आएगा।
दिन के आधार पर तय होता है मां का वाहन
अगर नवरात्र सोमवार या रविवार से शुरू हो रहे हैं तो मां का वाहन हाथी होता है।
अगर नवरात्र शनिवार या मंगलवार से शुरू होते हैं तो मां का वाहन घोड़ा होता है।
अगर नवरात्र गुरुवार या शुक्रवार से शुरू होते हैं तो मां डोली में बैठकर आती हैं।
अगर नवरात्र बुधवार से आरंभ हो रहे हैं तो मां नाव पर सवार होकर आती है।
किस वाहन का क्या असर
इन तथ्यों को बाकायदा देवी भागवत के एक श्लोक के जरिए बताया गया है। –
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता ।।
अर्थात जब मां हाथी पर सवार होकर धरती पर आती हैं तो ज्यादा पानी बरसता है, घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो युद्ध के हालात पैदा होते हैं, नौका पर सवार होकर आती हैं तो सब अच्छा होता है और शुभ फलदायी होता है। अगर मां डोली में बैठकर आती हैं तो महामारी, संहार का अंदेशा होता है।
इस साल यानी 2022 के चैत्र नवरात्र में देवी मां घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं और इसका अंदेशा युद्ध की संभावना से बन रहा है। आपको जानते ही हैं कि इस वक्त दुनिया के दो देशों रूस और यूक्रेन के बीच भयंकर युद्ध हो रहा है और कई अन्य देश इसकी तकलीफें भोग रहे हैं।
मां के प्रस्थान के वाहन हैं अलग
मां अलग वाहनों के जरिए धरती से प्रस्थान करती हैं। इस श्लोक के जरिए समझाया (Maa ki Aradhana) गया है –
शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा।
शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।।
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा।
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥
यानी रविवार या सोमवार को देवी मां भैंसे की सवारी से प्रस्थान करती हैं तो देश में रोग और शोक बढ़ता है।
शनिवार या मंगलवार को देवी मां मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं तो जनता में दुख और कष्ट बढ़ता है।
बुधवार या शुक्रवार को देवी मां हाथी पर सवार होकर विदा लेती हैं तो ज्यादा बारिश ज्यादा होती है।
गुरुवार को मां दुर्गा मनुष्य की सवारी से जाती हैं और इसका तात्पर्य ये हुआ कि मनुष्यता बढ़ेगी, सुख शांति बनी रहेगी।
प्रारंभ तिथि और घट स्थापना
आपको बता दें कि इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से प्रारंभ होकर, 5 अक्टूबर तक चलेगी। वहीं प्रतिपदा तिथि 26 अक्टूबर को है, तो घटस्थापना का मुहूर्त 26 सितंबर की सुबह 06 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। आपको बता दें कि प्रतिपदा का प्रांरभ 26 सितंबर को सुबह 3 बजकर 24 मिनट को होगा। प्रतिपदा तिथि 27 सितंबर की सुबह 03 बजकर 08 मिनट तक रहेगी।
अभिजीत मुहूर्त- 26 सितंबर सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट (Maa ki Aradhana) तक। आपको बता दें कि ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि पूर्वक पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मनोकामना पूर्ण होती हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।