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Lokvani 17th episode : छत्तीसगढ़ का बजट न्याय की अवधारणा को आगे बढ़ाने वाला : भूपेश बघेल

Lokvani: Chhattisgarh's budget advancing the concept of justice: Bhupesh Baghel

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छत्तीसगढ़ के नये बजट में सभी वर्ग के लोगों का हित शामिल

रायपुर । Lokvani 17th episode: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी की 17वीं कड़ी में कहा कि छत्तीसगढ़ का बजट न्याय की अवधारणा को आगे बढ़ाने वाला है। इसमें कोरोना काल के सबक ग्लोबल इंसानियत तथा लोकल संसाधनों से स्थानीय लोगों के सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘नया बजट-नए लक्ष्य’ विषय पर श्रोताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष सभी वर्ग के लोगों के हित को ध्यान में रखकर बजट पेश किया गया है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Lokvani 17th episode) का उद्देश्य प्रदेश में विभिन्न फसल लेने वाले किसान भाइयों को किसी न किसी तरीके से सशक्त बनाना है। पहले साल हमने 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान का भुगतान किया। दूसरे साल समर्थन मूल्य पर खरीदी के नियम के अनुसार समर्थन मूल्य का भुगतान किया और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान, मक्का, गन्ना आदि फसल लेने वाले लगभग 19 लाख किसानों को 5 हजार 628 करोड़ का भुगतान किया गया।

इस साल हमने 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की है, जो प्रदेश के इतिहास में धान खरीदी का सबसे बड़ा कीर्तिमान है। इस वर्ष भी हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को नगद सहायता देने के लिए 5 हजार 703 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है।

इसके अलावा चिराग योजना के तहत 7 आदिवासी बहुल जिलों और मुंगेली जिले के 14 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा व किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए 150 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा गया है। किसानों को बिना ब्याज ऋण देने के लिए इतिहास में सबसे बड़ा लक्ष्य 5 हजार 900 करोड़ रूपए ऋण वितरण का रखा है, जिसके लिए बजट प्रावधान किया गया है।

किसानों को रियायती (Lokvani 17th episode) तथा नि:शुल्क बिजली देने के लिए 2 हजार 500 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। वहीं सिंचाई पम्पों के ऊर्जीकरण पर लगभग 1000 करोड़ रूपए खर्च होंगे। सोलर पम्पों के लिए 530 करोड़ रूपए का प्रावधान है तो लगभग 35 हजार लंबित सिंचाई पम्प कनेक्शन देने का काम भी पूर्ण किया जाएगा, जिसमें करीब 350 करोड़ रूपए खर्च होंगे।

उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए अनुदान सहायता पर 495 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। किसानों की जेब में जो पैसा डाला जा रहा है, वह उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलम्बन और खुशहाली में लगे। इस तरह किसानों की आय बढ़ाने, खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए हमारी सरकार कृत-संकल्पित है।

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