नई िदल्ली/नवप्रदेश। देश आधी रात को बदल गया। लोकसभा (loksabha)में सोमवार को करीब 14 घंटे तक चली बहस के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक (citizenship amendment bill) पास (pass) हो गया। विपक्षी दलों ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया, लेकिन सदन में भाजपा के बहुमत के सामन विपक्ष की नहीं चल सकी। जदयू, बीजद जैसे दलों ने भी बिल का साथ दिया।एमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन आवैसी ने तो बिल की काॅफी फाड़ दी।
वहीं शिवसेना ने बिल (citizenship amendment bill) को लेकर सवाल उठाए। गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के हर सवाल का अपने अंदाज में जवाब दिया। इससे पहले बिल को सदन में पेश करने को लेकर भी वोटिंग हुई थी, जिसके बाद यह बिल लोकसभा में अमित शाह द्वारा पेश िकया गया।
दरअसल इस बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश व पाकिस्तान के अल्पसंख्यक वर्ग (हिंदू, सिख, इसाई) को भारत में नागरिकता प्रदान करने संबंधी नियमों में ढील देने का प्रावधान किया गया है।
इस विधयेक को लेकर विपक्ष का आरोप है कि इस बिल के जरिए एक समुदाय विशेष को अलग-थलग किया जा रहा है, भारतीय संविधान के खिलाफ है। एक दिन पहले ही कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि यदि यह बिल पास हो जाता है तो यह महात्मा गांधी के विचारों पर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत होगी। बहरलहाल इस विरोध के बावजूद बिल (citizenship amendment bill) लोकसभा (loksabha) से पारित हो गया।