-लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बड़ी खींचतान
-विपक्ष भी अध्यक्ष पद के चुनाव के जरिए एनडीए में फूट डालने की कोशिश में जुट
नई दिल्ली। Lok Sabha Speaker Post: सरकार बनने के बाद अब सबकी नजर लोकसभा स्पीकर चुनाव पर है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए के घटक दलों के बीच आम सहमति बनाने की कोशिशें चल रही हैं। इसके लिए बीजेपी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को जिम्मेदारी दी है। उधर विपक्षी दल इंडिया एलायंस ने भी लोकसभा उपाध्यक्ष पद को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। भारत अघाड़ी ने कहा है कि अगर लोकसभा का उपाध्यक्ष पद विपक्षी दल को नहीं दिया गया तो हम राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार उतारेंगे।
विपक्षी दल बार-बार कह रहे हैं कि लोकसभा अध्यक्ष पद (Lok Sabha Speaker Post) के लिए चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को मजबूती से खड़ा होना चाहिए। ठाकरे समूह के सांसद संजय राउत ने कहा है कि अगर टीडीपी लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार खड़ा करती है तो हम भारत अघाड़ी से समर्थन लेने की कोशिश करेंगे। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि क्या राष्ट्रपति चुनाव में टीडीपी को भारत अघाड़ी की ओर से मिला ऑफर बीजेपी का सियासी गणित बिगाड़ देगा।
टीडीपी लोकसभा अध्यक्ष का पद (Lok Sabha Speaker Post) चाहती है, लेकिन बीजेपी ने इसे खारिज कर दिया है। अब विपक्षी दल चंद्रबाबू नायडू की महत्वाकांक्षा को हवा देकर एनडीए में फूट डालने में जुट गया है। चुनाव नतीजों में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू किंगमेकर बन गई है।
विपक्षी दल का मानना है कि अगर नायडू अलग रुख अपनाते हैं तो मोदी सरकार की ताकत 293 से बढ़कर 277 हो जाएगी, जो बहुमत के लिए जरूरी 272 से सिर्फ 5 सीट ज्यादा है। लोकसभा की परंपरा के अनुसार यदि सभापति पद सत्तारूढ़ दल के पास रहता है, तो उप-सभापति पद विपक्षी दल को दिया जाता है। पिछले 5 वर्षों के दौरान उपराष्ट्रपति का पद खाली रहा है। लेकिन विपक्ष इस पद को इसी साल हासिल करने की कोशिश में है।
कैसा है लोकसभा का नंबर गेम?
लोकसभा के नंबर गेम पर नजर डालें तो बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास 293 सांसद हैं। इसमें बीजेपी के पास 240 सांसद हैं। उसके बाद टीडीपी के पास 16, जेडीयू के पास 12, शिवसेना के पास 7, लोकजन शक्ति पार्टी के पास 5 सांसद हैं। उसके बाद अन्य 10 पार्टियों के 13 सांसद हैं। जबकि विपक्षी इंडिया अलायंस के पास 234 सांसद हैं।
कांग्रेस 99 लोकसभा सीटें जीतकर विपक्ष (Lok Sabha Speaker Post) की सबसे बड़ी पार्टी है। उसके बाद समाजवादी पार्टी ने 37 सीटें, ममता बनर्जी की टीएमसी ने 29 सीटें, डीएमके ने 22 सीटें जीती हैं। अगर टीडीपी भारत अघाड़ी के समर्थन के बाद भी लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करती है तो उनकी संख्या 250 सीटों तक पहुंच जाती है जो बहुमत के आंकड़े 272 से कम है। वहीं टीडीपी के बिना भी एनडीए के पास 277 सीटों का बहुमत होगा।