Lok Sabha: मॉनसून सत्र शुरू, लोकसभा और राज्यसभा में महंगाई को लेकर विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही स्थगित

Lok Sabha: मॉनसून सत्र शुरू, लोकसभा और राज्यसभा में महंगाई को लेकर विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही स्थगित

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नई दिल्ली। Lok Sabha: आज से मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई है। पहले ही दिन लोकसभा और राज्यसभा के दोनों सदनों में विपक्ष द्वारा बढ़ती ईंधन कीमतों, जासूसी के मुद्दे समेत कई अन्य विषयों पर हंगामा शुरू हो गया।

विपक्ष के लोकसभा (Lok Sabha) सांसदों ने तेल के बढ़ते दाम, महंगाई और कृषि कानूनों पर कार्यस्थगन नोटिस दिया। सांसदों (Monsoon Session) ने इन विषयों पर सदन में बहस की मांग की है। कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनिकम टैगोर ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों व महंगाई पर सदन में चर्चा के लिए कार्यस्थगन नोटिस दिया।

इसी तरह कांग्रेस के लोकसभा (Lok Sabha) सांसद मनीष तिवारी ने भी कृषि कानूनों को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।वहीं आम आदमी पार्टी के पंजाब से लोकसभा सांसद भगवंत मान ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव नोटिस देते हुए चर्चा की मांग की है।

विपक्ष (Monsoon Session) के तेज हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कई बार बाधित हुई।

राज्यसभा के सभापति ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। सभापति ने इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस सांसद के.सी.वेणुगोपाल, राजद के मनोज झा, भाकपा के बिनॉय विश्वम और अन्य द्वारा दिए गए प्रस्तावों को इजाजत नहीं दी।

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के सांसद उन अन्य विपक्षी नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने उस वक्त सरकार के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया, जब प्रधानमंत्री अपने मंत्रिमंडल की पेशकश कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने उच्च सदन में अपने नए मंत्रियों का परिचय देते हुए कहा, “मैंने सोचा था कि संसद में सभी खुश होंगे क्योंकि इतनी सारी महिलाओं, दलित, आदिवासियों को मंत्री का पद मिला है। इस बार कृषि और ग्रामीण पृष्ठभूमि के हमारे सहयोगियों, ओबीसी समुदाय को मंत्री परिषद में जगह दी गई है।”

कठिन सवाल पूछें, लेकिन सरकार को जवाब देने दें : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्ष (Lok Sabha) को कड़े सवाल पूछने चाहिए, लेकिन सरकार को भी जवाब देने देना चाहिए। मानसून सत्र की शुरूआत से ठीक पहले संसद परिसर में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं सभी दलों से सदनों में सबसे कठिन और तीखे सवाल पूछने का आग्रह करना चाहता हूं, लेकिन सरकार को भी अनुमति देनी चाहिए कि शांतिपूर्ण माहौल में जवाब दे सकें।”

उन्होंने कहा कि इससे लोकतंत्र को बढ़ावा मिलेगा, लोगों का विश्वास मजबूत होगा और विकास की गति में सुधार होगा। मोदी ने यह भी कहा कि अधिकांश सदस्यों को टीका लगाया गया है और उन सभी से दोनों सदनों में कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करने का अनुरोध किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सत्र के दौरान कोविड-19 महामारी से जुड़े हर मुद्दे और इसके खिलाफ लड़ाई पर चर्चा होगी।

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