लातेहार/नवप्रदेश। लॉकडाउन (lockdown) के दौरान झारखंड (jharkhand) के लातेहार (latehar) जिले के मनिका प्रखंड के हेसातू गांव में पांच वर्षीय एक बच्ची की कथित तौर पर भूख से मौत (death due to hunger) होने का मामला प्रकाश में आया।
बताया जाता है कि झारखंड के लातेहार जिले के मनिका प्रखंड के हेसातू गांव निवासी जुगलाल भुइयां के आठ बच्चे हैं। जुगलाल अपने दो बच्चों के साथ लॉकडाउन से पहले ही लातेहार में संचालित एक भट्टे में काम करने चला गया था।
घर में उसकी पत्नी और पांच छोटे-छोटे बच्चे रह रहे थे। परिवार के पास राशन कार्ड भी नहीं है। लॉकडाउन (lockdown) में जुगलाल अपने परिवार को आर्थिक मदद नहीं दे सका जिसके कारण पूरा परिवार दाने-दाने को मोहताज हो गया।
ग्रामीणों का दावा-परिवार को नहीं मिली मदद
ग्रामीणों का दावा है कि लॉकडाउन (lockdown) की अवधि के बढऩे के बावजूद जुगलाल के परिवार को किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली। न तो प्रशासन ने परिवार को अनाज दिया और न ही जनवितरण प्रणाली के डीलर ने मदद की। दो माह से आसपास के लोग कुछ दे देते थे जिससे घर में खाना बन जाता था।
बच्ची की मां ने भी कहा- खाने को नहीं था कुछ भी
वहीं, जुगलाल की पत्नी मानती ने कहा कि घर में अनाज नहीं रहने के कारण दो
दिनों से खाना नहीं बना था जिस कारण बच्चे भूखे थे। भूख के कारण उसकी पांच वर्षीय बेटी निम्मी की तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। हालांकि प्रशासन ने भूख से मौत की बात से इनकार किया है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन में कई कई लोगों का रोजगार छिन गया है। जिनके पास रोजगार है उनमें से भी कई ऐसे हैं, जिन्हें दो माह काम बंद होने से पैसा नहीं मिल पा रहा है। इस कारण से मजदूरों का अपने घरों की ओर लौटना भी बदस्तूर जारी है। मजदूर अपने घर जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं।