रायपुर/नवप्रदेश। लॉकडाउन (lockdown) में पैदा हुए बच्चों (babies born in lockdown) को भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है (can face health problem)। विभिन्न देशों में किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। इसकी वजह है लॉकडाउन में जरूरी लेकिन आम दिनों के लिहाजा से जरूरत से ज्यादा स्वच्छता।
लंदन के रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स के बाल रोग विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार लाॅकडाउन (lockdown) में जब ये बच्चे (babies born in lockdown) पैदा हुए तब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था, बेहद स्वच्छता बरती जा रही थी, प्रदूषण कम था और लोगों को आइसोलेशन में भेजा रहा था।
आरसीएसआई यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन एंड हेल्थ साइंसेज के बालरोग विभाग के प्रोफेसर जोनाथन हैरी का कहना है कि लॉकडाउन में पैदा हुए बच्चे उस वक्त के माहौल के आदी हो गए। इसलिए वे भविष्य के लिए तैयार नहीं हो सके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन में पैदा हुए बच्चों को श्वास लेने में दिक्कत नहीं हुई और न ही कोई अन्य संक्रमण हुआ।
जिसके कारण आगे चलकर उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है (can face health problem)। अधिक स्वच्छता व कम प्रदूषण में जन्म लेने के कारण आगे चलकर जब वे सामान्य परिस्थिित के समक्ष जाएंगे तो उनके लिए सबकुछ नया होगा। आम तौर पर बच्चे जमीन पर खेलते हैं, कई लोगों व विषाणुओं के संपर्क में आते हैं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।