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Live VIDEO: लोकसभा में जमकर हंगामा : संपूर्ण हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर मामला, राहुल गांधी के बयान पर पीएम मोदी का जवाब

LIVE: Huge uproar in Lok Sabha: Calling entire Hindu society violent is a serious matter, PM Modi's reply to Rahul Gandhi's statement

rahul gandhi loksabha

-संसद में अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने भगवान शंकर की तस्वीर दिखाई

नई दिल्ली। Rahul Gandhi Loksabha: आज संसदीय सत्र के छठे दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन में विभिन्न मुद्दों पर केंद्र की बीजेपी सरकार की जमकर आलोचना की। इस मौके पर उन्होंने भगवान शंकर की तस्वीर दिखाई और शंकर की अभय मुद्रा का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस इस वक्त अभय मुद्रा में है। इस समय उन्होंने हिंसा में लिप्त होने के लिए शासकों की भी आलोचना की।

राहुल गांधी ने भगवान शंकर की फोटो के साथ कुरान का जिक्र किया, गुरु नानक और ईसा मसीह की फोटो भी दिखाई। उन्होंने कहा कि कुरान में लिखा है, डरो मत। यीशु कहते हैं कि डरो मत और किसी को भी तुम्हें डराने मत दो। सभी धर्मग्रंथों में अहिंसा का उल्लेख है। सभी ने अहिंसा भय के उन्मूलन की बात की है।

हमारा देश अहिंसा का देश है। अहिंसा हिंदुओं (Rahul Gandhi Loksabha) का प्रतीक है, लेकिन जो लोग सत्ता में हैं वे हिंदू नहीं हैं। दूसरी ओर राहुल ने आलोचना की कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे ही चौबीसों घंटे हिंसा और नफरत में शामिल रहते हैं। उनके बयान पर लोकसभा में हंगामा।

राहुल गांधी के बयान पर पीएम मोदी ने किया पलटवार

राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। इस वक्त पीएम मोदी खुद अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और कहा कि राहुल (Rahul Gandhi Loksabha) का बयान गंभीर मामला है। प्रधानमंत्री मोदी ने आलोचना करते हुए कहा कि पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना गंभीर मामला है। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी का मतलब संपूर्ण हिंदू समाज नहीं है।

अमित शाह बोले- माफी मांगे

राहुल गांधी के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री अमित शाही ने कहा कि उन्हें इस्लाम में अभय मुद्रा को लेकर इस्लामिक विशेषज्ञों की राय लेनी चाहिए। गुरु नानक की अभय मुद्रा के संबंध में गुरुद्वारा कमेटी की भी राय ली जानी चाहिए। अभय के बारे में बात करने वाले लोगों ने आपातकाल के दौरान पूरे देश को आतंकित कर दिया था। आपातकाल के दौरान दिल्ली में हजारों सिख नागरिकों की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। उन्होंने मांग की कि विपक्षी नेताओं को अपने भाषण के लिए माफी मांगनी चाहिए।

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