ACB करती ट्रैप उससे पहले SSP के एक्शन से बच गया टिकरापारा टीआई दुर्गेश रावटे
पलाश तिवारी
रायपुर/नवप्रदेश। Line Attached Police Inspector Raote Case : तत्कालीन टिकरापारा थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे को रायपुर पुलिस कप्तान द्वारा 4 जुलाई को “कॉप ऑफ द मंथ” के पुरुस्कार से नवाज़ा गया था और सम्मान दिए जाने के ठीक एक हफ्ते बाद ही अचानक लाइन हाजिर कर दिया गया। रायपुर एसएसपी संतोष सिंह द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर पुलिस महकमे समेत अन्य लोगों के मन में ये सवाल उठने लगा की आखिर दुर्गेश रावटे को लाइन अटैच करने की वजह क्या है?
इसकी पड़ताल में जुटी नव प्रदेश की टीम नई आखिर टीआई रावटे पर की गई अचानक कार्रवाई के राज़ से पर्दा उठाते हुए लाइन अटैच किए जाने की वजह पता लगा ली है। मामला दरसल एक जब्त की हुई कार से जुड़ा हुआ है जहाँ राहुल चंद्राकर (परिवर्तित नाम) के दोस्त राजेश चंद्राकर ने राहुल की गाडी को बिना उसकी जानकारी के सतीश नाम के व्यक्ति के पास 2 साल पहले गिरवी रख दिया और फरार हो गया। ये है आरोपी राजेश चंद्राकर की सोशल मिडिया में वायरल फोटो….
राहुल चंद्राकर ने जब अपनी गाडी के बारे में राजेश से पूछा तो उसने गाडी खुदके पास होना बता कर कुछ दिन में लौटाने की बात कहते हुए कुछ और दिनों की मोहलत ले ली लेकिन उसके बाद से वो राहुल के संपर्क से भी बाहर हो गया। आखिरकार राहुल चंद्राकर (परिवर्तित नाम) ने गाडी गुमशुदगी की शिकायत डीडी नगर थाने में की और सम्बंधित थाना पुलिस ने गाडी का पता लगाकर कार को टिकरापारा थाने में खड़े कर दिया।
तब जाकर राहुल को उसकी गाडी का पता चला तो उसने सुपुर्दगी लेने के लिए फाइनेंस कंपनी से संपर्क किया और 2 जुलाई को टिकरापारा थाने पहुंचा। थाने में पदस्थ तत्कालीन टीआई दुर्गेश रावटे ने सभी पक्षों को बुलवाकर बयान तो ले लिया लेकिन गाडी न तो फाइनेंस कंपनी को सौंपी और न ही गाड़ी मालिक राहुल को। टीआई रावटे प्रार्थी को रोजाना टालते रहे और पुलिस थाना में जब्त वाहन का असंवैधानिक रूप से इस्तमाल खुद करते रहे। फिर टीआई रावटे ने राहुल चंद्राकर को 11 जुलाई को सुबह थाने बुलाया और अलग से ले जाकर गाडी छोड़ने के एवज में 15 हजार रूपए की मांग की।
प्रार्थी राहुल ने इस मामले की शिकायत करने रायपुर एसीबी दफ्तर पहुंचा और लिखित शिकायत दर्ज कराया। शिकायत दर्ज होने के बाद एसीबी ने टीआई रावटे को ट्रैप करने के लिए जाल बिछाते हुए राहुल को रिकॉर्डर देकर दुबारा थाने भेजा लेकिन टीआई रावटे और रायपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीयों को इस बात की भनक लग गई और पुलिस की छवि धूमिल होने से बचाने के लिए एसएसपी ने तत्काल दुर्गेश रावटे को लाइन अटैच कर दिया।
जब्त कार में घूमते रहे टीआई रावटे लिंक में क्लिक करके देखिये जब्त कार का उपभोग करते टीआई दुर्गेश रावटे…
https://twitter.com/Navpradesh/status/1811798748718334197
जब्त कार में घूमते रहे टीआई रावटे
डीडी नगर पुलिस ने प्रार्थी की कार गुम हो जाने की शिकायत के बाद गाडी को ढूंढ कर टिकरापारा थाने में 2 जुलाई की शाम खड़ा कर दिया था और प्रार्थी को सुचना देकर डीडी नगर पुलिस वहां से चली गई।तत्कालीन टिकरापारा टीआई रावटे को जब इस मामले का पता लगा तो उन्होंने नियमों को किनारे रखते हुए गाड़ी मालिक को कार लौटाना तो दूर बल्कि प्रार्थी की के सामने उसकी कार में एक हफ्ते तक घूमते रहे। प्रार्थी राहुल चंद्राकर ने जब टीआई रावटे की शिकायत एसीबी में की तो इसकी भनक लगते ही टीआई रावटे ने पहले तो लाइन अटैच होने के आदेश का इंतज़ार किया और आदेश आते ही तत्काल प्रार्थी को बुलाकर उसकी कार लौटा दी।
करप्शन पर तत्काल एक्शन ले रही ACB
पहले ही ठगी से व्यथित राहुल को थाना प्रभारी के व्यवहार ने आहत किया था। राहुल ने SSP संतोष सिंह के कॉप ऑफ़ द मंथ दुर्गेश रावटे के खिलाफ ACB को शिकायत की। घटना की शिकायत के बाद IG अमरेश मिश्रा ने शिकायत पर संज्ञान लेने के लिए डीएसपी स्तर के मातहत अधिकारी को निर्देशित किया था। तत्संबंध में प्रार्थी राहुल को ACB ने फर्स्ट रिकॉर्डिंग के लिए प्रिपेयर करके भेजा भी था। लेकिन ACB की घेराबंदी और शिकायत के बाद एक्शन की भनक लाइन अटैच ‘कॉप ऑफ़ द मंथ’ दुर्गेश रावटे को लग गई और वह सावचेत हो गया। लेकिन टीआई रावटे के खिलाफ हुई इस घेरेबंदी की सूचना भी SSP दफ्तर तक पहुंच गई थी। ऐसे में हफ्तेभर पहले ACB की शिकार हो चुकी महिला थाना प्रभारी वेदवती दरियो के बाद टीआई दुर्गेश रावटे की स्थिति भी वैसी ना हो इसलिए लाइन अटैच करके कार प्रार्थी को लौटा दी गई।
महकमें में इस बात की चर्चा गर्म
एक सप्ताह में दो थाना प्रभारियों पर एक्शन से महकमे के साथ कप्तान की भी बदनामी होती। इसलिए चर्चा है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने तत्काल बिना लाइन अटैच की वजह बताये ACB के एक्शन से पहले उसे थाना से हटाकर लाइन अटैच करने का आदेश जारी कर दिया। रायपुर पुलिस की इस पूरी कवायद का यह लाभ मिला कि महकमा बदनामी से बच गया। दुर्गेश रावटे जैसा एक कॉप ऑफ द मंथ का भविष्य वेदवती की तरह ख़राब होने से भी बच गया। लाइन अटैच करने के फ़ौरन बाद ही अपनी कार के लिए भटक रहा प्रार्थी राहुल चंद्राकर को उसकी हुंडई आई-20 कार भी मिल गई।
कांग्रेस प्रवक्ता ने टीआई की मनमानी पर उठाए सवाल
वहीँ इस मामले की जानकारी मिलते ही कांग्रेस प्रवक्ता ऋषभ चंद्राकर ने तत्कालीन टिकरापारा थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे की कार्यप्रणाली पर ट्वीट करते हुए प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। प्रवक्ता चंद्राकर ने अपने ट्वीट में लिखा है की टिकरापारा टीआई रावटे ने तो एसएसपी सिंह के आदेश का भी पालन करना छोड़ दिया है और मनमानी कर रहे हैं।