0 छत्तीसगढ़ में ASI चंद्रभूषण हर महीने पुलिस अफसरों और नेताओं को बांटता था लाखों रुपए
रायपुर/नवप्रदेश। Liaisoner of Mahadev Satta App : ED की रिमांड में पूछताछ के दौरान ASI चंद्रभूषण वर्मा ने उन पुलिस अफसरों और क्षेत्रीय नेताओं के नाम उगलना शुरू कर दिया है, जिन्हें वो महादेव सट्टा एप संचालन के एवज में मोटी रकम दिया करता था। दुबई के प्रमोटरों से हवाला के जरिए से हर महीने लाखों रूपये लेता और इसे सीनियर पुलिस अफसरों को देता था।
ED के मुताबिक Liaisoner of Mahadev Satta App : ASI चंद्रभूषण वर्मा को मुख्य लाइजनर मानकर उससे राज़ उगलवाने में पूरा अफर्ड लगा रही ही। अन्य आरोपियों से भी रिमांड के दौरान राजनेताओं को भी सट्टा की राशि का लेनदेन किये जाने वालों के नाम पता कर ली है। बता दें कि पहले दिन ही ED ने लंबी चली पूछताछ में महादेव एप के प्रमोटरों से पैसा लेने वालों की फेहरिस्त बना ली है।
चारों आरोपियों को 6 दिन की रिमांड में रहते हुए ही बताये गए पुलिस अधिकारियों और इनसे पैसा लेने वाले अन्य लोगों को भी ED तालाब करेगी। सूत्रों की मानें तो तीन पुलिस रेंज के आला से लेकर मझोले अफसरों और थाना स्तर के मातहत स्टाफ तक को ASI चंद्रभूषण वर्मा ने उपकृत किया है।
पैसे नहीं लेने वालों को विदेश टूर
ED की पूछताछ में ASI चंद्रभूषण वर्मा से यह भी पता चला है कि कुछ अधिकारीयों को महादेव सट्टा एप के पैसों से परिवार समेत महकमे के लोगों को फॉरेन टूर भी करवाया है। ED की अब तक की जांच से पता चला है कि करीब 65 करोड़ रुपये नकद मिले हैं। जिसे चंद्रभूषण वर्मा ने रिसीव किया और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत बांटा है। ASI चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, कारोबारी अनिल दामानी और सुनील दामानी को आरोपी बनाया गया है।
पुलिस-नेता सट्टेबाजी के खिलाफ आंखें बंद रखे
यहां बैंक खाते और वॉट्सऐप नंबर बार-बार बदले जाते थे। अगर कहीं एफआईआर दर्ज भी होती है तो आमतौर पर केवल छोटे स्तर के सट्टेबाजों या पैनल ऑपरेटरों को ही गिरफ्तार किया जाता है। विदेश में बैठे मुख्य आरोपी अब भी ED की गिरफ्त से बाहर हैं। यहां ED का ये भी कहना है कि पुलिस और नेताओं ने अवैध सट्टेबाजी के गलत असर को देखने के बावजूद सभी ने अपनी आंखें बंद कर लीं थी। इसका असर कुछ ऐसा था कि भिलाई के युवा बड़ी संख्या में दुबई पहुंचे और इसे ऑपरेट करने की ट्रेनिंग लेकर भारत वापस लौटे और खुद का पैनल शुरू कर दिया।
युसूफ पोट्टी का भी पुलिस-नेताओं से संबंध
रायपुर पुलिस की गिरफ्त से बहार कोई युसूफ पोट्टी नामका युवक भी महादेव सट्टा एप के प्रमोटरों का पुराण दोस्त है। रायपुर की पुलिस क्राइम यूनिट को भी उसकी तलाश है। मौदहापारा का रहने वाला युसूफ का कांग्रेस के एक मंत्री, बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता और एक आईएफएस के पुलिस अधिकारी भाई से गहरे संबंध हैं। ऊंची पहुंच पहचान का ही नतीजा है कि रायपुर पुलिस की क्राइम यूनिट के एक्सपर्ट अफसरों को सब साथी मिल गए लेकिन युसूफ भर उनसे तेज निकला और अब तक हाथ नहीं आया है। बताते हैं कि युसूफ को जानने वाले आश्चर्यचकित हैं कि महज कबाड़ का छोटा मोटा धंधा करने वाला करोड़पति कैसे बन गया। इसे पुलिस भी रायपुर समेत ओडिशा तक का महादेव एप संचालन का मुख्य हीरो मानती है। युसूफ की सोशल मिडिया में पुलिस अफसर-नेताओं के साथ आत्मीयता भरी फोटो भी चर्चा का विषय है।