जंगल में वन्यप्राणियों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग के दावों की एक बार फिर पोल खुल गई है। उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व (Leopard Rescue Udanti Sitanadi) क्षेत्र धमतरी में एक तेंदुआ शिकारियों द्वारा लगाए गए लोहे के फंदे में फंसकर कई दिनों तक तड़पता रहा।
सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान चलाया और गंभीर रूप से घायल तेंदुए को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज और निगरानी के लिए तेंदुए को नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी भेज दिया गया है।
ड्रोन कैमरे से मिली तेंदुए की सटीक लोकेशन
वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अज्ञात शिकारियों ने वन्य प्राणियों के शिकार के लिए लोहे का फंदा लगाया था। इसी फंदे में तेंदुआ फंस गया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। मामले की सूचना मिलते ही उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
घना जंगल और दुर्गम इलाका होने के कारण तेंदुए की तलाश में ड्रोन कैमरे की मदद ली गई। ड्रोन के जरिए तेंदुए की सटीक लोकेशन ट्रेस की गई, जिसके बाद फील्ड स्टाफ ने कड़ी मशक्कत के बाद उसे सुरक्षित रेस्क्यू किया।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार आशंका है कि तेंदुआ करीब एक सप्ताह से फंदे में फंसा हुआ था। लंबे समय तक फंदे में फंसे रहने के कारण उसके गले में गहरा जख्म हो गया है। मौके पर मौजूद वन्य चिकित्सकों ने तेंदुए का प्राथमिक उपचार किया, जिसके बाद उसे उच्च स्तरीय इलाज के लिए जंगल सफारी भेजा गया।
शिकारियों की सक्रियता से बढ़ा खतरा
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में क्षेत्र में शिकारियों की गतिविधियां बढ़ी हैं। कुछ दिन पहले ही सिंगपुर क्षेत्र में तेंदुए के पंजे और नाखून निकालने का मामला सामने आया था। उस प्रकरण में वन विभाग ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की थी।
ताजा घटना ने एक बार फिर जंगल के भीतर वन्यप्राणियों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विभाग का कहना है कि क्षेत्र में निगरानी और गश्त और तेज की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

