-तेंदुए के हमले में तीन मवेशी घायल, दो की मौत
कवर्धा/नवप्रदेश। Leopard attacks: कबीरधाम जिले के पंडरिया ब्लॉक सुदूर वनाचल क्षेत्र ग्राम पंचायत कांदावानी समीप आश्रित ग्राम रुखमीदादार के जंगल में तेंदुए के हमले से दहशत फैली हुई है। इस हमले में करीब दस दिन पूर्व एक मवेशी का शिकार किया गया था। वही तीन दिन पूर्व चार मवेशियों में से तीन मवेशी घायल मिले, इसके साथ ही एक की मौके पर ही मौत हो गई थी। यह घटना तब घटी जब चार मवेशीयो को जंगल में चरने ले गए थे। इसी बीच तेंदुए ने अचानक हमला कर दिया, जिससे तीन मवेशी वह से भाग गए, लेकिन एक बैल का तेंदुए शिकार कर लिया।
घटना स्थल पर पहुंचे वन विभाग (Leopard attacks) की टीम ने बैल का पोस्टमार्टम कराया और पीडि़त को वन अधिनियम के तहत मुआवजा राशि देने का आश्वासन भी दिया। इस क्षेत्र में तेंदुए के हमलों की बढ़ती संख्या को दर्शा रहा है। रुखमीदादार और टेढ़ापानी के जंगलों में तेंदुए अक्सर विचरण करते दिख जाते हैं। पिछले महीने ही मध्यप्रदेश वन विभाग की टीम ने इसी जंगल से तेंदुए की खाल के साथ कुछ आरोपियों को धरदबोचा था।
वन विभाग के लिए बनी चुनौती
वन तस्करी और वन्य जीवों के शिकार की घटनाओं में बढ़ोतरी के कारण वन विभाग को कड़ी निगरानी करनी पड़ रही है। जंगल के चौकीदार और वन विभाग की टीमों को सख्त निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। वन विभाग ने जंगल की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों और उपकरणों का भी इस्तेमाल शुरू किया है।
वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए स्थानीय समुदायों को भी शामिल किया गया है। वन विभाग (Leopard attacks) ने स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जिसमें उन्हें वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षण के महत्व के बारे में बताया जाता है। इसके अलावा, वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
निगरानी और सुरक्षा को लेकर विशेष उपाय
वन विभाग ने जंगल की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपाय किए हैं। इसमें गश्त बढ़ाने, निगरानी कैमरे लगाने और वन्य जीवों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने जैसे कदम उठाए हैं। इसके अलावा, वन विभाग ने तस्करी और शिकार को रोकने के लिए सख्त कानूनों को भी लागू किया है और अपराधियों को पकडऩे के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए सतर्कता और निगरानी की आवश्यकता है। वन विभाग को चाहिए कि वह जंगल की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए और वन्य जीवों को किसी भी प्रकार के खतरे से बचाने के लिए पूरी तरह से सतर्क रहे। स्थानीय लोगों और वन विभाग के संयुक्त प्रयास से ही वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।