67,732 आदिवासी तेन्दूपत्ता संग्राहक के साथ लगभग 8 – करोड़ गबन हुआ है – नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत
रायपुर/नवप्रदेश । Dr Mahant letter to Governor: छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका को पत्र में लिखा कि, अनुसूचित क्षेत्र सुकमा वनमंडल के 67732 तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारो के वर्ष 2021 और 2022 के तेन्दूपत्ता बोनस की राशि 8,21,89,273.00 रूपये का गबन करने वाले अपराधियों के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई करने के लिए निर्देशित करें। नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने बताया कि, अनुसूचित क्षेत्र बस्तर के वनमंडल सुकमा के 67732 आदिवासी तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों के प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) की राशि 8,21,89,273.00 रूपये का गबन करने की एक घटना हाल ही में प्रकाश में आई है। परंतु इस अत्यधिक गंभीर आपराधिक मामले में राज्य सरकार की कार्यवाही अत्यधिक निराशाजनक है।
वन मंडल सुकमा के अन्तर्गत आने वाले समस्त 25 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों तथा वन विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के द्वारा घोटाला किया गया है किन्तु अब तक केवल एक अधिकारी का निलंबन और गिरफ्तारी की गई है, जो कतई पर्याप्त नहीं है। इसमें सभी आरोपियों के विरुद्ध तत्काल आपराधिक कृत्यों के लिए भारतीय न्याय संहिता, 2023 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1980 के अंतर्गत और कदाचारों के लिए सेवा नियमों के अंतर्गत कार्यवाही करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने का कष्ट करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत (Dr Mahant letter to Governor) ने कहा कि, वनमंडल सुकमा अन्तर्गत 67,732 आदिवासी परिवारों को तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2021 तथा 2022 के लिए अतिरिक्त पारिश्रमिक (बोनस) की राशि क्रमशः रू. 4,51,50,388.00 तथा रू. 3,70,38,885.00 कुल राशि रू. 8,21,89,273.00 का वितरण एक साथ वर्ष 2023-24 में नगद रूप में किया जाना था। इसके लिए राशि वनमंडल सुकमा के डी.एफ.ओ. को भेजी गई थी। परंतु नियमों तथा पात्रता के अनुसार इस राशि का वितरण संग्राहकों को नहीं किया गया और प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के पोषक अधिकारी (जो वन विभाग के होते हैं), प्रबंधक तथा डी.एफ.ओ. द्वारा मिलकर आपराधिक षड़यंत्र पूर्वक गबन कर लिया गया और लघु वनोपज संघ तथा विभाग को अवगत करा दिये कि, 2024-25 मे शत प्रतिशत बोनस वितरण कर दिया गया हैं।
विधान सभा के बजट सत्र फरवरी-मार्च 2025 में सदन के पटल पर प्रतिवेदन प्रस्तुत करके वन मंडल सुकमा में शत प्रतिशत बोनस वितरण किये जाने की जानकारी वन मंत्री के द्वारा दी गई। पूरे प्रदेश में 12,50,000 तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवार हैं, इनको कुल 2,50,78,57,670.00 रूपया बोनस वितरण किया जाना था। नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत बताया कि, कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्त्ताओं की सतर्कता के कारण बोनस वितरण नहीं करने की शिकायत होने पर कराई गई जांच में यह पाया गया कि बोनस की राशि का वितरण किया ही नहीं गया है। तब बड़े पैमाने पर छापे मारे गये और केवल एक अधिकारी को निलंबित किया गया और एफ.आई.आर. दर्ज करके गिरफ्तार किया गया।
इस अति संवेदनशील प्रकरण को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि 1,67,732 गरीब आदिवासी तेन्दूपत्ता संग्राहकों के बोनस की जितनी राशि का गबन अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने किया है, उतनी राशि लघु वनोपज संघ द्वारा पुनः जारी करके पात्रतानुसार बोनस का वितरण सर्वोच्च प्राथमिकता पूर्वक करवाया जाए।
- गबन करने के आपराधिक षड़यंत्र में शामिल 25 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के प्रबंधकों, पोषक अधिकारियो तथा वन विभाग के अन्य सभी संलिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित किया जाए, एफ.आई.आर. करवाकर गिरफ्तार किया जाए और अनुशासनिक कार्यवाही भी की जाए।
- विधान सभा के पटल पर बोनस वितरण की असत्य जानकारी रखने के लिए उत्तरदायी लोक सेवकों के विरूद्ध समुचित कार्यवाही की जाए।
- तेन्दूपत्ता के चालू संग्रहण सीजन 2025 में उन्हीं घोटालेबाज अधिकारियों को वनमंडल सुकमा अन्तर्गत तेन्दूपत्ता संग्रहण के कार्य में लगाया गया है, उनको तत्काल कार्य से पृथक किया जाए और वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
- प्रदेश के अन्य स्थानों पर तेंदूपत्ता बोनस वितरण का सत्यापन वन विभाग के अलावा अन्य विभाग के अधिकारियों से प्राथमिकता पूर्वक कराया जाए।
- बोनस वितरण करने में असाधारण विलंब क्यों हुआ? इसकी भी जांच कराई जाए।
- छत्तीसगढ़ के इतिहास में श्री विष्णुदेव साय की सरकार की छत्रछाया में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी वनमंडल में गरीब आदिवासियों के तेन्दूपत्ता बोनस की संपूर्ण राशि का गबन कर लिया गया।
- यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि तेन्दूपत्ता के बोनस की राशि, राज्य सरकार के खजाने से नहीं दी जाती है। यह वह राशि है जो तेन्दूपत्ता का विक्रय हो जाने के पश्चात् सभी खर्चों को घटाकर शुद्ध लाभ के रूप में शेष आती है, जिसका 80 प्रतिशत बोनस के रूप में संग्राहकों को वितरित किया जाता है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल से कहा कि, इस प्रकरण में विशेष रूचि लेकर मेरे सुझावानुसार आवश्यक कार्यवाहियां करें।