मंजरापाराटोलावासी बरसात के 6 माह तक नारकीय जीवन जीने को मजबूर
नवप्रदेश संवाददाता
लवन। क्षेत्र में ऐसे कई गांव है जंहा की कच्ची सड़के बारिश के सीजन में लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है। ऐसा ही एक गांव कोरदा है जहंा पर मंजरापाराटोला मोहल्ला है जिसकी सड़क बारिश के सीजन में 3 से 4 फीट तक गहरा पानी तालाब की तरह भरा रहता है। 6 माह तक इस मोहल्ले में लोगों का आना-जाना दुभर हो जाता है। सबसे ज्यादा मुसीबत प्रसूता और बीमारों को होती है, क्योंकि उनकी मदद के लिए एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है। मोहल्ले में तालाबनुमा पानी भरे होने की वजह से मोहल्लेवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उक्त समस्या को लेकर ग्रामीण कई बार शासन-प्रशासन, विधायक, मंत्री तक गुहार लगा चुके है फिर भी वार्ड के लोगों को सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है। इसके चलते लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
गौरतलब है कि गांव के मुख्य गली से लेकर जोलरिया तालाब 800 मीटर लंबा रोड बनना था। इस पर मात्र 400 मीटर तक ही पूर्व विधायक व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की अनुशंसा पर बना है। शेष 400 मीटर आधी बस्ती तक शासन से स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से सीसी रोड का निर्माण नहीं हो पाया है।
दूसरों के घर रखनी पड़ती है साइकिल और बाइक
मंजरापाराटोला में निवासरत सभी पुरूष वर्ग को दैनिक आवश्यकतों की पूर्ति के लिए इधर-उधर जाने के लिए साइकिल, मोटर साइकिल की आवश्यकता पड़ती है, उसे भी अपने घर नहीं ले जा सकते। बाइक, साइकिल को अपने रिश्तेदारों या खास पहचान के लोगों के घर रखना पड़ता है।
स्कूली छात्रों को उठानी पड़ती है भारी परेशानी
स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को भी इस गहरे पानी से होकर जाना पड़ता है। छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। मार्ग की समस्या को लेकर पूर्ववर्ती सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक 2017 व 2018 में लोक सुराज में भी ग्रामीणों ने आवेदन किया था।जिसके बाद भी ग्रामीणों को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है। फिलहाल वर्तमान छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, और कसडोल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक है। कांग्रेस की सरकार व विधायक तथा शासन प्रशासन से ग्रामीणों ने उक्त मार्ग की समस्या को हल करने की ग्रामीणों ने मांग की है।
पूर्व वर्ष शासन ने कराया था पानी निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था
बरसात का पानी जाम होने की वजह से ग्रामीणों की मांग पर सरपंच महेश धुव ने मजदुरों के द्वारा करीब 500 मीटर तक पानी निकासी करने के लिए कच्ची नाली बनाया गया था। जिसके बाद से पानी निकासी हो रहा था। लेकिन इस वर्ष उक्त नाली जाम हो गई है, मिट्टी से पट चुकी है। इसलिए मंजरापाराटोला के लोगों ने पुन: इस वर्ष पानी निकासी कराने के लिए शासन-प्रशासन से मांग रखे है।
महिलाओं को ज्यादा परेशानी
सबसे बड़ी कठिनाई महिलाओं को उठानी पड़ती है। मंजरापारा टोला की महिलाएं कीचड़ युक्त पानी को लांघकर घर के उपयोग के लिए पानी लाती है। महिलाएं उक्त मार्ग की समस्या को देख जहां दो बाल्टी पानी की आवश्यकता होती है। वहंा पर एक ही बाल्टी पानी पर गुजारा करने विवश है। यह स्थिति दिसम्बर के अंत तक बनी रहती है। वही बरसात का मौसम खत्म होने के बाद समस्या खत्म नहीं होती है। उक्त मार्ग से पानी सुखने के बाद मार्ग उबड़-खाबड़ हो जाता है। इससे मोहल्लेवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कोरदा गांव के मंजरापारा टोला बस्ती में बरसात का पानी जाम हो गया है तो इसके लिए उस गांव के सरपंच को बोलकर पानी निकासी कराने के लिए बोलता हॅू।
सी.पी.मनहर, सी.ई.ओ, जनपद पंचायत बलौदाबाजार
इस संबंध में ग्राम पंचायत कोरदा के सरपंच महेश ध्रुव के मोबाईल नम्बर 9926590016 पर सम्पर्कं करने पर उसका मोबाईल कवरेज एरिया के बाहर बताया गया।